विचार

सेक्स एजुकेशन- कितनी कारगर..?

देश की राजधानी में गैंगरेप के बाद जस्टिस जे एस वर्मा समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि स्कूली पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को शामिल किया जाए ताकि बच्चों को सही गलत जैसे व्यवहार और आपसी संबंधों के बारे में जानकारी हो। सिफारिशों पर गौर करते हुए केन्द्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री एम एल पल्लम राजू ने …

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बेहद काम की 101 वेबसाइटें

01 screenr.com – अपने डेस्कटॉप को फिल्म के रूप में रिकॉर्ड करें और उन्हें सीधे YouTube पर भेजें. 02 bounceapp.com स्क्रॉल योग्य वेब पृष्ठों की पूरी लंबाई के स्क्रीनशॉट कैप्चर करें. 03. goo.gl – लंबे URL को छोटा करें और यूआरएल कोQR कोड में परिवर्तित करें. 04. untiny.me – छोटे किए गए यूआरएल के पीछे लंबे यूआरएल देखें. . 05 qClock – गूगल मानचित्र का उपयोग …

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सर्दियों का मौसम और शादियाँ, तौबा तौबा !!!

इसे पंडितों की मेहरबानी कहें या हमारा विश्वास , शादियों के लिए वर्ष में गिने चुने दिनों को ही शुभ माना जाता है । नतीजा, एक दिन में हजारों जोड़े एक दूसरे के हो जाते हैं। कभी-कभी तो एक ही दिन में कई शादियों के निमंत्रण होते हैं। इन सहलगों के दौरान सबसे ज्यादा अगर व्यस्त शेड्यूल है,तो वो है …

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‘माफ करें, मैं नहीं दे सकता बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि’

 भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने लिखा है कि वह ठाकरे को श्रद्धांजलि  नहीं दे सकते। अपने एक लेख में उन्‍होंने इसके कारण भी गिनाए हैं। काटजू ने लिखा है, ‘भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1(1) कहता है कि इंडिया यानि भारत राज्यों का यूनियन होगा जिसका मतलब है कि भारत यूनियन है …

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'माफ करें, मैं नहीं दे सकता बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि'

 भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने लिखा है कि वह ठाकरे को श्रद्धांजलि  नहीं दे सकते। अपने एक लेख में उन्‍होंने इसके कारण भी गिनाए हैं। काटजू ने लिखा है, ‘भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1(1) कहता है कि इंडिया यानि भारत राज्यों का यूनियन होगा जिसका मतलब है कि भारत यूनियन है …

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“राजनीतिक वायरल ” क्या आप भी इसका का शिकार हैं ?

वायरल फीवर का नाम सुनते ही अच्छे अच्छों के छक्के माफ़ कीजिये पसीने छूट जाते हैं ! पिछले कई दशकों से हमें मलेरिया , डेंगू , चिकुन गुनिया , आई फ्लू  , स्वाइन फ्लू  आदि वायरल बीमारियों ने परेशान कर रखा है , जो भी इनकी गिरफ्त में आता है तो वो अपने साथ कईयों को अपनी चपेट में ले लेता …

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"राजनीतिक वायरल " क्या आप भी इसका का शिकार हैं ?

वायरल फीवर का नाम सुनते ही अच्छे अच्छों के छक्के माफ़ कीजिये पसीने छूट जाते हैं ! पिछले कई दशकों से हमें मलेरिया , डेंगू , चिकुन गुनिया , आई फ्लू  , स्वाइन फ्लू  आदि वायरल बीमारियों ने परेशान कर रखा है , जो भी इनकी गिरफ्त में आता है तो वो अपने साथ कईयों को अपनी चपेट में ले लेता …

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फव्वारा चौक का अन्ना ?

आदरणीय अन्ना अंकल, आपने भ्रष्टाचार  के खिलाफ जो आंदोलन छेड़ा उसका नतीज़ा यह हुआ कि आम आदमी अब सिर्फ नेताओं और कर्मचारियों को चोर मानने लगा है और उसे अपनी कोई भी कमी नज़र नहीं आती. अब  देखो न अंकल , औसत दूधिया दोनों समय पानी मिला कर दूध बेचता है और फिर भी  यह दावा करता है कि वह तो किसी तरह बच्चों का …

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पंचायत मतलब सबकुछ गलत क्यों?

कभी फरमानों तो कभी बेजा शोषण के अरमानों के लिए खाप पंतायतें अपने पाप के साथ चर्चाओं में रहती हैं। इसे लोकतंत्र का चरम कहिए या फिर अतिश्योक्ति। या यूं भी कह सकते हैं कि यह मौजूदा यूनिफॉर्म सिस्टम के खिलाफ एक अजीब सी आवाज भी है। हम यह भी जानते हैं कि गांधी के ग्राम सुराज की परिकल्पना इन्हीं …

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छोटे पड़ रहे कानून के हाथ

कहते हैं ‘कानून’ के हाथ बहुत लंबे होते हैं, लेकिन राज्य पुलिस के हाथ उन 57 हजार से ज्यादा ‘भगोड़ों’ तक नहीं पहुंच पा रहे, जो अरसे से न्यायालयों में वांछित हैं। इनके खिलाफ राज्य की अदालतों से विभिन्न श्रेणी के वारंट जारी हैं। इतनी बड़ी तादाद में कानून का उल्लंघन करने वाले लोग ‘बाहर’ हों तो चेन-ओ-अमन की कल्पना …

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