सम्पादकीय

वादों एंड बयानबाजी के बीच उत्तर प्रदेश चुनाव

उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर कयाशबजी और बयानबाजी का दौर जरी है,नोटिस और फटकार के बावजूद भी केंद्रीय कानून मंत्री की मुसलमानों के लिए आरक्षण पर बयानबाजी जारी रहने पर अब चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। तो पार्टी महासचिव और मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह तो चुनाव आयोग को ही नसीहत दे डालते हैं ,जौनपुर में …

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एक हादसा ऐसा भी

आग लग चुकी थी। ये आग कितनों की जिन्दगी लीलेगीए इसका अन्दाजा लगाना मुश्किल होता जा रहा था। इस आग की लपटों के बीच न जाने कितने आशियाने वीरानों में सिमट गए थे। तबाही का ये मंजर मेरी आंखों के सामने हो रहा था और मैं चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था। जब देशवासी अपनी.अपनी तरह से 63वां …

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सत्ता के लिए “सर्व जाति” के वोटों की रहनुमाई में जूझते दल….

जब तक यह खबर आप तक जाएगी संभव है की तब तक गंगा में बहुत पानी बह चुका होगा ,और तब तक चुनाव और सर पर चढ़ कर बोलने लगा होगा |इस चुनावी प्रदेश में यूँ तो सभी दलों ने अपने चुनावी परफार्मेंस के लिए मानक तय कर रखे हैं ,लेकिन इस चुनाव में यह मानक जातिगत समीकरणों पर भी …

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सत्ता के लिए "सर्व जाति" के वोटों की रहनुमाई में जूझते दल….

जब तक यह खबर आप तक जाएगी संभव है की तब तक गंगा में बहुत पानी बह चुका होगा ,और तब तक चुनाव और सर पर चढ़ कर बोलने लगा होगा |इस चुनावी प्रदेश में यूँ तो सभी दलों ने अपने चुनावी परफार्मेंस के लिए मानक तय कर रखे हैं ,लेकिन इस चुनाव में यह मानक जातिगत समीकरणों पर भी …

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“हमारी राष्ट्रीय नीति पर लगते प्रश्न चिन्ह “

हमारी सरकार और उसकी नीतियाँ या यूँ कहें की हमारी सरकार द्वारा अपनाई जा रही नीतियाँ कितनी स्पष्टवादी हैं और राष्ट्रीय ,अन्तराष्ट्रीय मापदंडो पर कितनी सकारात्मक हैं इस विषय पर शायद ही कभी कोई चर्चा होती है। सरकार पहले तो अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर कुछ स्पष्ट रवैया नहीं दिखाती, जिसके कारण अंतराष्ट्रीय फलक पर हमेशा उसको विश्व की तथाकथित महाशक्तियो के …

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"हमारी राष्ट्रीय नीति पर लगते प्रश्न चिन्ह "

हमारी सरकार और उसकी नीतियाँ या यूँ कहें की हमारी सरकार द्वारा अपनाई जा रही नीतियाँ कितनी स्पष्टवादी हैं और राष्ट्रीय ,अन्तराष्ट्रीय मापदंडो पर कितनी सकारात्मक हैं इस विषय पर शायद ही कभी कोई चर्चा होती है। सरकार पहले तो अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर कुछ स्पष्ट रवैया नहीं दिखाती, जिसके कारण अंतराष्ट्रीय फलक पर हमेशा उसको विश्व की तथाकथित महाशक्तियो के …

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“आधी रात का शर्मनाक हादसा”

उस रोज  मैं इस आस और विश्वाश के साथ देर सर्द रात अपने न्यूज़ चैनल  के आफिस में अपने डेस्क पर बैठा था की आज  बहुचर्चित और देश से  भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए लाये जा रहे इस क़ानून के परिप्रेक्ष्य में कुछ उदार कदम उठाये जायेंगे ,और संसद का उच्च सदन राज्यसभा एक एतिहासिक कार्यवाई का साक्षी बनेगा। लेकिन रात …

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"आधी रात का शर्मनाक हादसा"

उस रोज  मैं इस आस और विश्वाश के साथ देर सर्द रात अपने न्यूज़ चैनल  के आफिस में अपने डेस्क पर बैठा था की आज  बहुचर्चित और देश से  भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए लाये जा रहे इस क़ानून के परिप्रेक्ष्य में कुछ उदार कदम उठाये जायेंगे ,और संसद का उच्च सदन राज्यसभा एक एतिहासिक कार्यवाई का साक्षी बनेगा। लेकिन रात …

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“आम जन की बुलंद आवाज से दरकती रही सत्ता की शक्तियां”

जाते जाते यह वर्ष अपने पीछे कई यादों, कई प्रतिमानों के पतन होने के साथ कई अवधारणाओं के खंडन होने का गवाह बना है। यह वर्ष अपने साथ एक ऐसी याद लिए जा रहा है जिसमे एक आम आदमी की आवाज बुलंद होते देखा गया। इस बुलंद आवाज के प्रहार से सत्ता के स्तंभों में कम्पन होते देखा गया। इसी …

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"आम जन की बुलंद आवाज से दरकती रही सत्ता की शक्तियां"

जाते जाते यह वर्ष अपने पीछे कई यादों, कई प्रतिमानों के पतन होने के साथ कई अवधारणाओं के खंडन होने का गवाह बना है। यह वर्ष अपने साथ एक ऐसी याद लिए जा रहा है जिसमे एक आम आदमी की आवाज बुलंद होते देखा गया। इस बुलंद आवाज के प्रहार से सत्ता के स्तंभों में कम्पन होते देखा गया। इसी …

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