तालिबान ने बघलान प्रांत से 7 भारतीय इंजीनियरों का अपहरण कर लिया। लोकल मीडिया के मुताबिक, तालिबान के हथियारबंद आतंकियों ने इन इंजीनियरों को सरकारी अफसर समझकर अगवा किया। भारतीय विदेश मंत्रालय अफगान में अधिकारियों के संपर्क में है। भारतीय दूतावास ने भी इन इंजीनियर्स के अगवा होने की पुष्टि की है।
पुल-ए-खोमरे के बाग-ए-शामल गांव में इस घटना को अंजाम दिया गया। इंजीनियर भारतीय कंपनी केईसी इंटरनेशनल लिमिटेड में काम करते थे। ये कंपनी 226 करोड़ के इलेक्ट्रिसिटी सब स्टेशन प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।पुलिस ने बताया कि भारतीय इंजीनियर मिनी बस में इलाके का भ्रमण कर रहे थे, इसी दौरान उन्हें अगवा किया गया। उनके अफगानी ड्राइवर को भी अपहृत किया गया है।
बता दें कि अफगानिस्तान में करीब 150 इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, बघलान के गवर्नर अब्दुलहई नेमाती ने कहा कि तालिबान ने इंजीनियरों को बंधक बनाया और डांड-ए-शहाबुद्दीन इलाके में ले गए।
अधिकारियों ने स्थानीय लोगों की मदद से तालिबान से बात की, उन्होंने कहा कि वे भारतीयों को सरकारी अफसर समझ रहे थे।नेमाती ने बताया कि स्थानीय कबीलों के नेताओं और मध्यस्थों की मदद से बंधकों को छुड़ाने की कोशिश की जा रही है।
आरपीजी एंटरप्राइजेस के चेयरमैन हर्ष गोएनका ने ट्वीट कर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपने इंजीनियरों को मुक्त कराए जाने की अपील की है। आरपीजी एंटरप्राइजेस केईसी कंपनी की मातृ संस्था है। बता दें कि केईसी इंटरनेशनल अफगान में काम करने वाली बड़ी भारतीय कंपनियों में से एक है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें घटना के बारे में जानकारी मिली है। हम लगातार अफगानिस्तान के अधिकारियों के संपर्क में हैं, जल्द ही इस बारे में और ज्यादा जानकारी दी जाएगी।