राहुल गांधी ने डोकलाम मसले पर सरकार की पॉलिसी को लेकर सवाल खड़े किए थे। अब वे सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के हालात का जायजा लेने के लिए मई के आखिर में वहां का दौरा करेंगे। उनका यह दौरा विदेश मामलों की संसदीय समिति के तहत होगा। इस टीम का नेतृत्व राहुल गांधी और शशि थरूर करेंगे।
बता दें कि पिछले साल डोकलाम विवाद पर दोनों देशों के बीच 72 दिन तक टकराव रहा था। मोदी के हाल के दौरे में दोनों देश के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सहमति बनी है। इस पैनल के सदस्य डोकलाम पर भारत-चीन के सैन्य विवाद के कई पहलूओं को समझेंगे। ये लोग सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर फिलहाल क्या स्थिति यह जानने की कोशिश करेंगे।
बताया जा रहा है कि पैनल के सभी सदस्य आसमान से इन इलाके का निरीक्षण करने के लिए हेलिकॉप्टर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा पैनल वहां तैनात सिक्युरिटी और डिफेंस के ऑफिशियल्स के साथ वार्ता करेंगे।नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक मुलाकात के बाद भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया था।
दोनों नेताओं के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी है कि सीमा पर शांति कायम रखेंगे। इसके लिए सेनाओं के बीच संवाद को बढ़ाया जाएगा।दोनों नेताओं ने तय किया कि दोनों देश आपस में भरोसा बढ़ाएंगे और एक दूसरे को रणनीतिक-सैन्य सहयोग देंगे।गोखले ने बताया था भारत-चीन सीमा के संबंध में मोदी-जिनपिंग ने माना कि एक विशेष प्रतिनिधि सीमा विवाद का हल खोजेगा।
बता दें कि मोदी ने 27 और 28 अप्रैल को चीन का दौरा किया था।पिछले साल संसदीय समिति की मीटिंग में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भारत चीन-संबंधों पर जानकारी दी थी। बताया गया था कि इसमें सबसे ज्यादा सवाल राहुल गांधी ने किए थे। इस पैनल में 31 मेंबर हैं।
डोकलाम में विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने वहां चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का दावा था कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा था। इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है।
भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।बता दें कि भारतीय-चीन बॉर्डर पर डोकलाम इलाके में दोनों देशों के बीच मिड 16 जून से 28 अगस्त के बीच तक टकराव चला था। हालात काफी तनावपूर्ण हो गए थे। बाद में अगस्त में यह टकराव खत्म हुआ और दोनों देशों में सेनाएं वापस बुलाने पर सहमति बनी।