वित्त मंत्री अरुण जेटली किडनी से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं। वे जल्द ही डॉक्टरों से सलाह करने के बाद सर्जरी करा सकते हैं। गुरुवार को खुद जेटली ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा मेरा किडनी से जुड़ी बीमारी और कुछ और इन्फेक्शंस के लिए इलाज चल रहा है। इसलिए अभी मैं घर के सुविधाजनक माहौल में काम कर रहा हूं। आगे मेरा इलाज कैसे होगा इसका फैसला डॉक्टर करेंगे।
65 साल के अरुण जेटली को परेशानी बढ़ने के बाद एम्स ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें किडनी से जुड़ी बीमारी की बात बताई।
एम्स के एक सूत्र के मुताबिक, वित्त मंत्री जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट करा सकते हैं। इसके लिए किडनी डोनर और ट्रांसप्लांट से जुड़ी सारी औपचारिकता पूरी कर ली गई हैं।
अभी जेटली को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है। हालांकि, डॉक्टरों की सलाह के बाद उन्हें एम्स के कार्डियो-न्यूरो टावर में भर्ती कराया जा सकता है। ये टावर एम्स बिल्डिंग से अलग और कई मायनों में बेहतरीन है।बताया जा रहा कि उनका इलाज अपोलो अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर संदीप गुलेरिया करेंगे। वे एम्स के डायरेक्ट रणदीप गुलेरिया के भाई हैं, जो कि जेटली के अच्छे मित्र हैं।
जेटली खराब सेेहत के चलते सोमवार से मंत्रालय भी नहीं जा सके हैं। वे मंगलवार को राज्यसभा में शपथ लेने भी नहीं पहुंचे थे। बता दें कि वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद चुने गए हैं।बीमारी के चलते जेटली ने अपना यूके दौरा रद्द कर दिया है। उन्हें 10वें इंडिया-यूके इकोनॉमिक और फाइनेंशियल डॉयलाग में हिस्सा लेने के लिए लंदन जाना था।
2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के कुछ ही दिन बाद जेटली का एक बड़ा ऑपरेशन हुआ था। उन्हें मधुमेह के चलते वजन बढ़ने की शिकायत थी।पहले उनका इलाज मैक्स हॉस्पिटल में हुआ था। हालांकि, कुछ परेशानियों के बाद उन्हें एम्स में शिफ्ट कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, उनकी अभी की परेशानी पिछली सर्जरी से जुड़ी हो सकती है।इन परेशानियों के अलावा कुछ सालों पहले जेटली की हार्ट सर्जरी भी हो चुकी है।