ईडी ने 5,000 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच में एक कारोबारी गगव धवन को बुधवार सुबह गिरफ्तार किया. यह मामला गुजरात की एक फार्मा कंपनी तथा कुछ अन्य हवाला सौदों से संबंधित है.आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने आज सुबह गगन धवन को राष्ट्रीय राजधानी से मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) की धाराओं में गिरफ्तार किया.
सूत्रों ने कहा कि धवन को आगे की हिरासत के लिए अदालत में पेश किया जाएगा.सूत्रों ने बताया कि वडोदरा की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक से संबंधित ऋण धोखाधड़ी तथा इसी तरह के कुछ अन्य गैरकानूनी लेनदेन की वजह से धवन पर एजेंसी की निगाह थी. आपराधिक शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय धवन द्वारा आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देने के कथित आरोपों की जांच कर रहा था.
सीबीआई ने हाल में स्टर्लिंग बायोटेक और उसके निदेशकों चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल संदेसरा और विलास जोशी, चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत हाथी, आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
इससे पहले बीते अगस्त माह में निदेशालय ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व विधायक सुमेश शौकीन और कारोबारी गगन धवन के 12 ठिकानों पर छापे मारे थे. निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार, उन्हें सूचना मिली थी कि राजनीतिकों और नौकरशाहों का काला धन सफेद किया जा रहा है.
ईडी द्वारा जिन ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, उनमें दक्षिणी दिल्ली के पॉश ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में एक फ्लैट, वसंत कुंज इलाके में आईना मार्बल प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय सहित पांच फ्लैट, बीजवासन में एक फॉर्महाउस, बाराखंबा इलाके में स्थित इंद्रप्रकाश बिल्डिंग में एक फ्लैट, चाणक्यपुरी में एक फ्लैट और चावला इलाके में एक फ्लैट शामिल था.
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, मुंबई के चार आयकर अधिकारियों पर भी उनकी नजर थी.अधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि इथियोपिया सहित कई देशों में कारोबार चलाने वाले धवन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के बेहद करीबी हैं.