दिल्ली हाई कोर्ट ने हनीप्रीत की अग्रिम जमानत अर्जी को किया खारिज

डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत राम रहीम की करीबी हनीप्रीत की ट्रांजिट इंटरिम बेल दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा- हनीप्रीत मनमानी राहत की हकदार नहीं है। बता दें कि 25 अगस्त को राम रहीम को सजा सुनाई गई थी। इसके बाद पंचकूला में काफी हिंसा हुई। 41 लोग मारे गए। हनीप्रीत पर हिंसा भड़काने और राष्ट्रद्रोह के अलावा कई गंभीर आरोप हैं।

वो 25 अगस्त से ही फरार है। उसने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की। मंगलवार देर शाम हाईकोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज करते हुए कहा- आप (हनीप्रीत) दिल्ली की परमानेंट रेसीडेंट नहीं हैं। आपको बेल के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट जाना चाहिए।मंगलवार सुबह हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य ने हाईकोर्ट में ट्रांजिट इंटरिम बेल की अर्जी दी।

दोपहर में जस्टिस संगीता ढींगरा ने इस पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।जस्टिस ढींगरा ने देर शाम हनीप्रीत की पिटीशन खारिज कर दी। अपने ऑर्डर में उन्होंने कहा- बेल पिटीशन दिल्ली में इसलिए दायर की गई क्योंकि पिटीशनर पंचकूला कोर्ट में चल रही प्रॉसेस को डिले करना चाहती है। वो खुद के लिए वक्त चाह रही हैं। इसलिए इस तरह की अर्जी दाखिल की गई। 

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हनीप्रीत के वकील से पूछा- आप (हनीप्रीत) हरियाणा की परमानेंट रेसीडेंट हैं। सबसे अच्छा तरीका तो यही है कि आप सरेंडर कर दें। हनीप्रीत की अर्जी का दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने विरोध किया और कहा कि अर्जी में तो दिल्ली का पता भी गलत दिया गया है। वो कोर्ट का आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रही है।

पिटीशन में हनीप्रीत ने कहा है कि हरियाणा में उसकी जान को खतरा है। वहां नशे के कारोबारियों से उसे धमकी मिल रही है।सुनवाई के दौरान हनीप्रीत के वकील ने कहा- हनीप्रीत का घर दिल्ली में ही है। उसको गिरफ्तारी का खतरा है। अगर कोर्ट इजाजत दे तो वे उसे 2 घंटे में पेश कर सकते हैं।ट्रांजिट इंटरिम बेल पिटीशन कुछ वक्त के लिए गिरफ्तारी से बचने के लिए किसी दूसरे जिले व राज्य की अदालत में लगाई जाती है। 

इस दौरान पिटीशन को संबंधित अदालत में परमानेंट बेल के लिए अलग से पिटीशन लगानी होती है।बता दें कि पंचकूला की हिंसा में 41 लोग मारे गए थे। करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी को नुकसान हुआ था। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पहले ही कह चुका है कि जो भी नुकसान हुआ है वो डेरा सच्चा की प्रॉपर्टी के जरिए ही वसूल किया जाए। 

हरियाणा पुलिस ने 43 लोगों को मोस्ट वॉन्टेड बताते हुए उनकी लिस्ट जारी की थी। इसमें भी हनीप्रीत का नाम सबसे ऊपर है। हनीप्रीत के अलावा डेरा का स्पोक्सपर्सन आदित्य इंसां भी अब तक फरार है।मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस के डीसीपी रोमिल बानिया ने कहा 26 सितंबर को ए-9 जीके एन्क्लेव पर रेड किया गया। ये डेरे की प्रॉपर्टी है। हनीप्रीत के यहां होने का शक था। लेकिन वो यहां नहीं मिली।

रोमिल से सवाल पूछा गया कि मीडिया में एक सीसीटीवी फुटेज चल रही है, जिसमें एक बुर्के वाली महिला दिखाई दी है, क्या ये हनीप्रीत थी?पुलिस अफसर ने जवाब दिया सीसीटीवी के बारे में पुलिस को अभी जानकारी नहीं है। हां, हनीप्रीत के जीके एनक्लेव में होने का शक जरूर था।
पुलिस ने बताया कि हनीप्रीत की बेल एप्लिकेशन में ग्रेटर कैलाश के ए-9 ठिकाने का जिक्र था। इसलिए उसने वारंट की तामील के लिए छापा मारा था।

दिल्ली पुलिस ने कहा ग्रेटर कैलाश में जिस ठिकाने पर रेड की गई, वो डेरा सच्चा सौदा की प्रॉपर्टी है। यहां के केयर टेकर राजीव मल्होत्रा हैं। उनसे भी पूछताछ की गई, लेकिन उन्होंने हनीप्रीत के बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया। इस ठिकाने पर राम रहीम अक्सर आया करता था।

पंचकूला की एक कोर्ट ने हनीप्रीत की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है। उसकी तलाश में उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई जगह छापे मारे गए, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका। नेपाल बॉर्डर पर भी तलाश की गई। ऐसी रिपोर्ट्स भी आईं कि हनीप्रीत नेपाल भाग गई है। हालांकि, पुलिस ने इस पर कोई सफाई नहीं दी।

गुरमीत राम रहीम को रेप केस में दोषी करार दिए जाने के बाद हनीप्रीत बाबा के साथ पुलिस के हेलिकॉप्टर से रोहतक की सुनारियां जेल पहुंची थी।उसने बाबा के साथ अंदर जाने की जिद की थी, लेकिन पुलिस ने उसे वहां से बाहर भेज दिया था। इसके बाद से हनीप्रीत गायब है। अभी तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई है। 

वहीं डेरे की चेयरपर्सन विपासना इंसां का कहना है कि हनीप्रीत 25 अगस्त की रात को उसके साथ डेरा सच्चा सौदा सिरसा आई थी। इसके बाद अगले दिन वह वहां से निकल गई। इसके बाद उसका कोई अता-पता नहीं है।गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट की ओर से सुनाई गई 20 साल की सजा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उसने पिटीशन में सजा सुनाने के फैसले को खारिज करने की मांग की है।

पिटीशन में कहा कि सीबीआई की अदालत ने सभी सबूतों पर विचार नहीं किया था। अफवाहों के आधार पर ही सजा सुना दी गई। बाबा का मेडिकल तक नहीं कराया। यह जानना भी जरूरी नहीं समझा कि वह रेप कर भी सकता है या नहीं। यही नहीं, दो अलग डेरों में अलग-अलग समय पर हुए रेप के मामलों को एक साथ कर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया।

पिटीशन में कहा गया है कि विक्टिम एक साल तक कुछ नहीं बोली। ऐसे में, आरोप साबित करने में खामियों के बावजूद जज ने प्रिजुडिस के आधार पर ही सजा सुना दी।बता दें कि अभी केस हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ब्रांच में है। अगर केस पर आॅब्जेक्शन दाखिल नहीं हुआ तो बुधवार को इस पर सुनवाई होगी।

दूसरी ओर, राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने श्रीगंगानगर से पंचकूला हिंसा के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद पंचकूला में काफी हिंसा हुई थी। 35 लोगों की मौत हो गई थी। राजस्थान पुलिस ने यह गिरफ्तारियां हरियाणा पुलिस के जानकारी देने के बाद की हैं।

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