आज से भारत दौरे पर आएंगे जापान के पीएम

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे आज से दो दिन के भारत दौरे पर आ रहे हैं। अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी उनकी अगवानी करेंगे। आबे की विजिट की दो अहम वजहें हैं। पहली- 2022 तक शुरू होेने वाली अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट का भूमिपूजन। दूसरी- इंडिया-जापान एनुअल समिट।

इस समिट में चीन को घेरने के लिए एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर पर चर्चा से लेकर सिविल न्यूक्लियर कोऑपरेशन और सी-प्लेन डील पर चर्चा हो सकती है। आबे की विजिट के पहले दिन मोदी उन्हें 500 साल पुरानी मस्जिद सिद्दी सैयद की जाली भी लेकर जाएंगे। दोनों की सिक्युरिटी के लिए गुजरात पुलिस के 9000 जवान तैनात किए गए हैं।

मोदी-आबे के बीच मुलाकात के बाद भारत-जापान के बीच 15 करार होंगे। ये करार 5 लाख करोड़ रुपए के होंगे और डिफेंस, ऑटोमोबाइल, ट्रांसपोर्ट जैसे सेक्टर में होंगे। 15 जापानी कंपनियां गुजरात में इन्वेस्ट करेंगी।बीते 10 साल से भारत में जापान से फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) छह गुना बढ़ा है। जापान भारत में तीसरा बड़ा इन्वेस्टर है।

2016-17 में जापान का भारत में इन्वेस्टमेंट 4.7 अरब डॉलर था। इसमें से 3.3 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट गुजरात में था। भारत में जापान की 1200 कंपनियां ऑपरेट करती हैं।जापान भारत को कम कीमत पर 12 सी-प्लेन बेचना चाहता है। ये इंडियन नेवी के लिए होंगे। ये ऐसे प्लेन होंगे जो समुद्र से उड़ान भर सकेंगे और समुद्र में लैंड कर सकेंगे।

इस डील की कीमत 10 हजार करोड़ रुपए के आसपास है। इस डील पर आगे बात बढ़ सकती है।इंडियन ओशन रीजन में चीन का दखल बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए जापान को भारत जैसे देशों की जरूरत है। दूसरा, साउथ एशिया में भी चीन का दखल बढ़ रहा है। चीन श्रीलंका में एक बंदरगाह बना रहा है। नेपाल में बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट कर रहा है।

चीन वन बेल्ट, वन रोड प्रोजेक्ट (OBOR) के जरिए कई देशों को जोड़ रहा है। इसके जवाब में जापान एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर (AAGC) पर फोकस कर रहा है। इसमें भी उस भारत की जरूरत है।चीन के OBOR के तहत फोकस रोड प्रोजेक्ट्स पर है, वहीं जापान के AAGC में फोकस एग्रीकल्चर, हेल्थ, टेक्नोलॉजी और डिजास्टर मैनेजमेंट पर है।

विदेश मामलों के एक्सपर्ट रहीस सिंह ने बताया शिंजो आबे का स्वागत दिल्ली की बजाय अहमदाबाद में किया जा रहा है। गुजरात मोदी का घर है। ऐसे में वहां आबे का स्वागत कर मोदी उन्हें भारत-जापान के रिश्तों में नजदीकी का अहसास कराना चाहते हैं। मैं इसे ‘टच थैरेपी’ डिप्लोमैसी कहता हूं।

बता दें कि इससे पहले मोदी ने जिनपिंग की अगवानी भी अहमदाबाद में की थी। वहीं, पिछली बार मोदी ने आबे की अगवानी बनारस में की थी। मोदी-आबे पिछले तीन साल में 10 बार मुलाकात कर चुके हैं।2014 में पीएम बनने के बाद मोदी अगर पड़ोसी देशों के अलावा पहली बार किसी बड़े देश गए थे तो वह जापान था।

उनके क्योटो से लौटने के बाद मोदी ने अहमदाबाद में अपने जन्मदिन पर चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग की अगवानी की थी।ठीक तीन साल बाद भी वैसे ही हालात हैं। इस बार मोदी चीन में ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेकर लौटे हैं और उनके 17 सितंबर को जन्मदिन से चार दिन पहले वे अहमदाबाद में ही जापानी पीएम की अगवानी करेंगे।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *