पेट्रोलियम मंत्रालय ने भी देशभर में 6 हजार से ज्यादा नई गैस एजेंसियों को शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें से करीब 99% एजेंसियां ग्रामीण इलाकों में होंगी। ये सभी एजेंसियां अगले 8 महीने में काम करना शुरू कर देंगी।सबसे ज्यादा 1028 एजेंसियां यूपी में खुलेंगी। वहीं, बीजेपी सरकार के लिए सबसे अहम रहने वाले चुनावी राज्यों ओडिशा और प. बंगाल में भी बड़ी संख्या में एजेंसियां खोलने की तैयारी की जा रही है।
ओडिशा में 400 और प. बंगाल में 631 एजेंसियां खोली जाएंगी।ओडिशा में बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री के अघोषित उम्मीदवार के रूप में धर्मेंद्र प्रधान को प्रोजेक्ट किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यहां पर नई 400 एजेंसियों के सहारे उन्हें राज्य के हर घर तक पहुंचाने का टारगेट हासिल करने की भी कोशिश की जाएगी।
प. बंगाल में बीजेपी का टारगेट ममता बनर्जी को हटाने का है। इसी तरह तमिलनाडु में भी 298 एजेंसियां शुरू करने का प्रोग्राम है। यहां भी बीजेपी पैर पसारने की कोशिश कर रही है। माना जा रहा है कि इन एजेंसियों के सहारे उज्ज्वला योजना को दूर-दूराज के इलाकों तक पहुंचाकर पार्टी राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करेगी।
बिहार में नई 986 गैस एजेंसियां खोलने की योजना है। झारखंड में 312, गुजरात में 319, महाराष्ट्र में 452, राजस्थान में 334 और असम में 161 एजेंसियां खोली जानी प्रस्तावित हैं।कर्नाटक में भी 235 एलपीजी डिस्ट्री्ब्यूटर अप्वाइंट करने की योजना है। यहां भी बीजेपी चुनावी तैयारी कर रही है।
बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा कि यूपी में पेट्रोलियम मंत्रालय की उज्ज्वला योजना ने चुनावी समर में अपनी अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में अगर इन चुनावी राज्यों में भी भाजपा को इसकी वजह से फायदा मिल सकता है, तो उसके लिए प्रयास करने में समस्या क्यों होनी चाहिए।
2019 के चुनाव के लिए मोदी ने स्टूडेंट लीडर, गरीबों और किसानों को कोर एजेंडे में रखा है। इसके लिए एक महीने में तीन बड़े प्रोग्राम होंगे। मोदी तीनों में मौजूद रहेंगे। संभवत: 11 सितंबर को विज्ञान भवन में राष्ट्रीय छात्र युवा नेतृत्व परिषद होगी। इसका उद्घाटन मोदी ही करेंगे। प्रोग्राम में 500 स्टूडेंट लीडर बुलाए जाएंगे।
एक सीनियर लीडर के मुताबिक, युवा छात्र नेता सरकार का एजेंडा आगे बढ़ाने और नए भारत का माहौल बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं। – स्वच्छता, भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता, आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर पांच सेशन होंगे। हर सत्र में केंद्र सरकार के दो-दो सीनियर मिनिस्टर शामिल रहेंगे।बता दें कि 11 सितंबर, 1893 को ही स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में ऐतिहासिक भाषण दिया था।
दीनदयाल शताब्दी वर्ष के समापन से ऐन पहले 23-24 सितंबर को गरीब कल्याण से नया भारत, आज के संदर्भ में अंत्योदय की संकल्पना समारोह होगा। इसकी जगह अभी जगह तय नहीं है। मोदी इसके समापन कार्यक्रम में पहुंचेंगे। तीसरा बड़ा कार्यक्रम 11-12 अक्टूबर को दिल्ली के पूसा कृषि संस्थान में होगा।
इसका शीर्षक ग्रामीण आजीविका और किसानों की आय वृद्धि रखा है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री करेंगे।11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश की जयंती है तो 12 को राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि है। दिल्ली में बीजेपी शासित राज्यों की 21 अगस्त को हुई बैठक में इन तीनों कार्यक्रमों पर फैसला हुआ था।