डोकलाम विवाद के बीच चीन ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है। हिंद महासागर (Indian Ocean) में चीन की नेवी ने लाइव फायर ड्रिल की है। चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक पश्चिमी हिंद महासागर में नेवी के बेड़े में शामिल मिसाइल फ्रिगेट जिंगझाउ समेत अन्य जहाजों ने हिस्सा लिया। जंग के असली हालात में नेवी की परफॉर्मेंस बेहतर करने के इरादे से यह ड्रिल की गई।
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि हाल के वर्षों में चीन ने पहली बार हिंद महासागर में एक्सरसाइज की है। हालांकि रिपोर्ट में इस ड्रिल की सटीक लोकेशन का खुलासा नहीं किया गया है।बीजिंग ने अपनी समुद्री मारक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए यह ड्रिल की, जिसमें डेस्ट्रॉयर चांगछुन, मिसाइल फ्रिगेट जिंगझाउ और सप्लाई वेसल चाहु ने हिस्सा लिया।
इस दौरान चीनी जहाजों के बेड़े ने दुश्मन के जहाजों पर हमले, जंग के दौरान पीने के पानी और फ्यूल की सप्लाई का अभ्यास किया।रिपोर्ट में चीनी बेड़े के चीफ ऑफ स्टाफ चेन डेनान ने बताया कि ड्रिल का मकसद जंग के असली हालात में अपनी ताकत को परखना था। चीनी जहाजों का ये बेड़ा 6 महीने से एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ओशेनिया के फ्रैंडशिप दौरे पर है।
इस दौरान इसने 10 देशों की नौसेनाओं के साथ ज्वाइंट एक्सरसाइज की है। ये बेड़ा 23 अप्रैल से दौरे पर निकला था।कुछ ही समय पहले अमेरिका और जापान के साथ भारत की नौसेना ने हिंद महासागर में मालाबार नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लिया था। वहीं चीन की एयरफोर्स ने गुरुवार को लंबी दूरी तक सैन्य अभ्यास किया और यह देर रात तक चला।
डिफेंस मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन ने बताया कि इस तरह की नॉर्मल ड्रिल अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के तहत ही की जाते हैं और यह देश की आम जरूरतों का एक हिस्सा हैं। सैन्य अभ्यास को किसी देश के हस्तक्षेप या दबाव के कारण बंद नहीं किया जाएगा।डोकलाम गतिरोध शुरू होने के बाद चीन ने तिब्बत में भी लाइव फायर ड्रिल की थी।