शाहिद खाकान अब्बासी पाकिस्तान के नए पीएम चुन लिए गए हैं। संसद में उनके पक्ष में कुल 221 वोट पड़े। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद शाहिद खाकन अब्बासी का नाम पार्टी ने अंतरिम पीएम कैंडिडेट के तौर पर पेश किया था। एमएल-एन के शाहिद समेत कुल 6 कैंडिडेट मैदान में थे।
विपक्षी दल अब्बासी के खिलाफ अपना कोई ज्वाइंट कैंडिडेट खड़ा करने पर सोमवार को रजामंदी नहीं बना सके थे। खास बात ये है कि अब्बासी 45 दिन ही पीएम रह पाएंगे। दरअसल, इस दौरान नवाज के भाई शाहबाज शरीफ इलेक्ट होकर नेशनल असेंबली में आ जाएंगे। पार्टी उन्हें ही पीएम बनाएगी।
स्पीकर अयाज सादिक ने पीएम वैध (वैलिड) कैंडिडेट के तौर पर असेंबली में शाहिद खाकान अब्बासी, नवीद कमर, शेख राशिद अहमत और साहिबजादा तारिकुल्लाह के नाम का एलान किया, जिसके बाद इनके नाम पर वोटिंग हुई।अब्बासी को सदन के कुल 342 वोट में से 221 मिले। वहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के कैंडिडेट न कमर सिर्फ 47 वोट मिले।
वहीं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के शेख राशिद अहमत को 33 वोट मिले। जमात-ए-इस्लाम के साहिबजादा तारिकुल्लाह को सिर्फ 4 वोट मिले।नए पीएम के तौर पर एलान के बाद अब्बासी ने सदन में पीएम की कुर्सी पर बैठे और सदन को संबोधित किया।न्यूज एजेंसी के मुताबिक प्रेसिडेंट ममनून हुसैन ने सदन के नए नेता का चुनाव करने के लिए मंगलवार को नेशनल असेंबली (पार्लियामेंट के निचले सदन) की बैठक बुलाई थी।
इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने अब्बासी को इंटरिम पीएम पद का कैंडिडेट बनाया था। अब्बासी ने सोमवार को नेशनल असेंबली के सेक्रेटरी जावेद रफीक मलिक को अपना नॉमिनेशन पेपर सौंपा था।नवाज शरीफ के इस्तीफे के बाद उनकी अगुआई में हुई पार्टी की बैठक में अब्बासी को इंटरिम पीएम पद का कैंडिडेट चुना गया था।
अब अब्बासी पीएम चुने जाने के बाद 45 दिनों तक पाक के इंटरिम पीएम का पद संभालेंगे। चुनाव से पहले मीडिया से बातचीत में अब्बासी ने कहा था कि वह अपने टेन्योर में नवाज शरीफ की पॉलिसीज को आगे बढ़ाएंगे।इन 45 दिनों के दौरान ही नवाज शरीफ के भाई और पाकिस्तान के पंजाब प्रोविंस के सीएम शाहबाज शरीफ नेशनल असेंबली का चुनाव लड़ेंगे और जीतने के बाद वह अब्बासी की जगह पीएम की कुर्सी संभालेंगे।
शाहिद खाकान अब्बासी भी करप्शन के एक मामले में मुख्य आरोपी हैं। यह मामला 220 अरब के गैस (LNG) घोटाले का है। पाकिस्तान का नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) इस मामले की जांच कर रहा है। एनबीए ने इस मामले में 29 जुलाई 2015 को केस दर्ज किया था। हालांकि जांच अभी शुरुआती दौर में है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रोविंस के मशहूर टूरिस्ट स्पॉट मरी से आने वाले अब्बासी के पिता खाकान अब्बासी जियाउल हक के करीबी सहयोगियों में थे। 1988 में अपने पिता की रावलपिंडी में एक हादसे में मौत के बाद शाहिद खाकान अब्बासी राजनीति में दाखिल हुए। ये 6 बार नेशनल असेंबली के लिए चुनाव जीत चुके हैं। सिर्फ 2002 के चुनाव में इन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
नवाज शरीफ के दूसरे टेन्योर में अब्बासी नेशनल एयरलाइंस कंपनी पीआईए के प्रेसिडेंट बने और 12 अक्टूबर 1999 के तख्तापलट के मौके पर आर्मी चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ के विमान अपहरण करने की कोशिश के जुर्म में शरीफ के साथ गिरफ्तार हुए थे। शरीफ मुशर्रफ के साथ एक समझौते के बाद परिवार के साथ सऊदी अरब रवाना हो गए, लेकिन अब्बासी को जेल में ही छोड़ गए। करीब दो साल जेल में बिताने के बाद अब्बासी रिहा हुए थे। बाद में शरीफ के पीएम पद के तीसरे टेन्योर में अब्बासी पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मिनिस्टर रहे।