वकील एमएल. शर्मा ने दायर की सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ कोर्ट में अपील

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की विधान परिषद की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। यह अर्जी एक वकील एमएल. शर्मा ने दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि नीतीश के खिलाफ क्रिमिनल केस पेंडिंग है। लिहाजा, वो किसी संवैधानिक पोस्ट पर नहीं रह सकते। नीतीश बिहार के सीएम हैं। नीतीश फिलहाल, बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।

उनके खिलाफ अर्जी सोमवार को दायर की गई। इसमें आरोप लगाया गया है कि 1991 में बारा लोकसभा सीट पर उप चुनाव के दौरान कांग्रेस के एक लीडर सीताराम सिंह की हत्या हुई थी। चार लोग घायल हुए थे और नीतीश इस केस में आरोपी हैं।शर्मा ने ये अर्जी पर्सनल कैपेसिटी के आधार पर दायर की है। अर्जी में उन्होंने मांग की है कि सीबीआई को इस मामले मे एफआईआर दर्ज करने के ऑर्डर दिए जाएं।

 

अर्जी में ये भी कहा गया है कि इलेक्शन कमीशन ने कुमार के खिलाफ केस की जानकारी होते हुए भी उनकी मेंबरशिप खारिज नहीं की। वो अब भी संवैधानिक पद पर काबिज हैं।अर्जी में मांग की गई है कि इलेक्शन कमीशन को 2002 के ऑर्डर के आधार पर कुमार की मेंबरशिप रद्द करना चाहिए।

कैंडिडेट्स के लिए ये मेंडेटरी है कि वो नॉमिनेशन पेपर्स के साथ क्रिमिनल केस की जानकारी और एफिडेविट पेश करें।अर्जी में आरोप है कि नीतीश ने जब 2004 में एफिडेविट पेश किया था तब उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी थी कि उनके खिलाफ क्रिमिनल केस चल रहा है।

बिहार में पिछले दिनों जब नीतीश ने महागठबंधन से अलग होकर एनडीए के साथ सरकार बनाने का एलान किया था तब लालू प्रसाद यादव ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया था कि नीतीश के खिलाफ मर्डर केस दर्ज है और उन्हें उम्र कैद या फांसी तक हो सकती है।हालांकि, बीजेपी और नीतीश की पार्टी ने लालू के इन आरोपों को कोई तवज्जो नहीं दी थी।

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