इलेक्शन कमीशन आज EVM चैलेंज ऑर्गनाइज करने जा रहा है। 7 में से सिर्फ 2 नेशनल पार्टीज (NCP और CPI-M) ही इसमें हिस्सा लेंगी। इस चैलेंज के लिए 14 EVMs रखी जाएंगी। EVMs पर सबसे ज्यादा सवालिया निशान लगाने वाली आम आदमी पार्टी इस चैलेंज में शिरकत नहीं कर रही है। कमीशन पहले ही साफ कर चुका है कि ये EVM चैलेंज होगा, लेकिन इसे हैकॉथन नहीं कहा जा सकता।
EC ने इसके लिए लिए रूल्स भी तय कर दिए हैं। हर पार्टी को चार घंटे मिलेंगे।चैलेंज के लिए EC ने 14 मशीनें सिलेक्ट की हैं। ये मशीनें पिछले दिनों हुए पांच राज्यों के असेंबली इलेक्शंस में इस्तेमाल की गईं थीं।देश में 7 नेशनल और 65 रीजनल पार्टीज हैं। इनमें से सिर्फ दो नेशनल पार्टियों ने EVMs चैलेंज में शिरकत करने की मंजूरी दी है। ये दो पार्टियां हैं एनसीपी और सीपीआई-एम।
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने चैलेंज में शिरकत के लिए लेटर जरूर भेजा, लेकिन ये तय वक्त के बाद इलेक्शन कमीशन को मिला। लिहाजा, आरजेडी इसमें हिस्सा नहीं ले पाएगी।खास बात ये है कि EVMs पर तमाम सवाल उठाने वाली ‘आप’ इस चैलेंज में हिस्सा ही नहीं ले रही है। उसने मदरबोर्ड चेंज करने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कमीशन ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया था।
EC ने कहा था- अगर मदरबोर्ड ही चेंज कर दिया तो वो असली EVM कैसे रहेगी?यूपी असेंबली इलेक्शन में बीजेपी की जीत पर सवाल उठाने वाली बीएसपी, टीएमसी और कांग्रेस भी इसमें हिस्सा नहीं ले रही हैं।आप ने तो दिल्ली असेंबली का स्पेशल सेशन बुलाकर EVM हैकिंग का दावा किया था। हालांकि, उसकी थ्योरी को कमीशन ने खारिज कर दिया था। इसके बाद, आप ने कहा था कि वो चैलेंज में इसलिए हिस्सा नहीं लेगी क्योंकि इलेक्शन कमीशन उसकी शर्तें नहीं मान रहा है।
कमीशन पहले ही साफ कर चुका है कि ना तो EVMs के मदरबोर्ड चेंज करने की इजाजत होगी और ना मशीन के किसी इंटरनल सर्किट से छेड़छाड़ की जा सकेगी।EVM चैलेंज के लिए इलेक्शन कमीशन ने कुछ रूल्स बनाए हैं। इनके मुताबिक, मदरबोर्ड चेंज नहीं किए जा सकेंगे और ना ही इसके इंटरनल सर्किट से छेड़छाड़ की जा सकेगी।
EVMs को इलेक्शन कमीशन के दफ्तर से बाहर नहीं ले जाया जा सकेगा। एनसीपी को मशीनों की डीटेल्स भेज दी गई हैं। चैलेंज का वीडिया तैयार किया जाएगा।हर पार्टी तीन कैंडिडेट्स को भेजेगी। बैकअप के लिए कमीशन ने कुछ EVMs अलग से मंगाई हैं। दोनों पार्टियों को चार-चार घंटे दिए जाएंगे।रिप्रेजेंटेटिव्स हैकिंग के लिए फोन या ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर सकते हैं।