टीम इंडिया के हेड कोच की रेस में चार इंडियन और दो विदेशी दौड़ में

टीम इंडिया के हेड कोच की पोस्ट के लिए मुकाबला कड़ा हो गया है। इस पोस्ट के लिए 6 लोगों का नाम रेस में है। इनमें 4 भारतीय अनिल कुंबले, वीरेंद्र सहवाग, डोडा गणेश, लालचंद राजपूत का नाम है। दो विदेशी क्रिकेटर ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी और इंग्लैंड के रिचर्ड पाइबस ने भी इस पोस्ट के लिए अप्लाई किया है। अनिल कुंबले को मौजूदा कोच होने के नाते डायरेक्ट एंट्री मिली है।

बता दें कि इंडियन टीम के चैंपियंस ट्रॉफी में रवाना होने के बाद BCCI ने हेड कोच के लिए एप्लीकेशंस मांगी थीं।टीम इंडिया के कोच के लिए वैसे ही हालात बन रहे हैं, जैसा कि 2016 में सेलेक्शन के दौरान बने थे। रवि शास्त्री का नाम इस पोस्ट के लिए सबसे आगे चल रहा था। माना ये जा रहा था कि वो ही कोच बनेंगे, लेकिन आखिरी वक्त पर कुंबले की एंट्री हुई और उन्हें जिम्मा सौंप दिया गया।

24 जून 2016 को अनिल कुंबले को टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया था। चैंपियंस ट्रॉफी के बाद उनका टर्म खत्म हो रहा है।टीम इंडिया के मौजूद कोच होने की वजह से बेस्ट च्वाइस। कुंबले के कोच रहते टीम इंडिया ने 17 टेस्ट खेले। इनमें से 12 में जीत मिली, 4 टेस्ट ड्रॉ हुए, एक में हार मिली। वनडे में टीम इंडिया को नंबर वन रैंकिंग भी मिली।

अपने और विराट कोहली के लिए फीस हाईक की मांग के बाद माना जा रहा है कि बोर्ड कुंबले से नाराज चल रहा है। कोहली और कुंबले की बीच भी तकरार की बात कही जा रही है। हालांकि, बोर्ड के ज्वाइंट सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी ने इससे इनकार किया है।विराट कोहली और टीम के दूसरे खिलाड़ियों से अच्छे रिलेशन। दो बार की वर्ल्डकप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहे।

अब तक के बेस्ट ओपनर्स में से एक। BCCI में से कई लोगों का मानना है कि सहवाग तब तक इस पोस्ट के लिए अप्लाई ना करते, जब तक उन्हें ये न पता होता कि वो मजबूत कैंडिडेट हैं। उनका अप्लाई करना बताता है कि टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में सब सही नहीं है।सबसे बड़ी मुश्किल अनिल कुंबले की मौजूदगी, जिनका कोचिंग करियर शानदार रहा है।

दूसरा ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी, जो पिछले साल भी इस पोस्ट के लिए प्रेजेंटेशन दे चुके हैं। ये भी माना जा रहा है कि सहवाग बेहद ऊंची सैलरी की डिमांड कर सकते हैं, ऐसे में दूसरे एप्लीकेंट्स के लिए चांस बढ़ जाएगा।ऑलराउंडर होने के नाते बॉलिंग, बैटिंग और फील्डिंग का तजुर्बा। श्रीलंका की टीम के कोच रह चुके हैं। अभी IPL में सनराइजर्स हैदराबाद के कोच हैं।

इंडियन प्लेयर्स और यहां की कंडीशंस से वाकिफ हैं। एक बार पहले भी इस पोस्ट के लिए प्रेजेंटेशन दे चुके हैं। दो बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम का अहम हिस्सा थे।सहवाग, कुंबले और दूसरे भारतीय कैंडिडेट्स की मौजूदगी मूडी की दावेदारी कमजोर कर सकती है। इंडियन टीम-इंडियन कोच फॉर्मूला में फिट नहीं बैठते हैं।

रिचर्ड पाइबस: इंग्लैंड के इस क्रिकेटर ने कभी वन-डे या टेस्ट मैच भी नहीं खेला है। लेकिन, दो बार पाकिस्तान की टीम के कोच रह चुके हैं। इसके अलावा क्रिकेट के रणनीतिकारों के तौर पर उनका काफी नाम है।

लालचंद राजपूत: इंजमाम के बाद अफगानिस्तान की टीम के कोच बने। 2007 में टी-20 वर्ल्डकप जीतने वाली टीम इंडिया के मैनेजर थे। इसके अलावा अंडर-19 टीम के कोच रह चुके हैं और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट पर भी रह चुके हैं।

डोडा गणेश: दावेदारी ज्यादा मजबूत नहीं मानी जा रही है, क्योंकि उनका इकलौता कोचिंग एक्सपीरियंस गोवा की टीम के कोच के तौर पर है। विकेटकीपर और ओपनर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन इंटरनेशनल मैच में डेब्यू बॉलर के तौर पर हुआ। बॉलिंग कोच के तौर पर विचार हो सकता है, लेकिन अगर जहीर कभी भी राजी हुए तो BCCI उन्हें बॉलिंग कोच के तौर पर चुनेगी

 

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