पहलवान साक्षी मलिक सहित तीन महिला पहलवानों ने आज यहां एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप के अपने वजन वर्गों में रजत पदक जीता. तीनों भारतीय महिला पहलवान जापान की प्रतिद्वंदियों से हार गईं, जो उनके लिये काफी मजबूत साबित हुईं. साक्षी (60 किग्रा) और दिव्या ककरान (69 किग्रा) हालांकि स्वर्ण पदक के मुकाबले में छह मिनट की पूरी बाउट भी नहीं खेल सकीं जबकि विनेश फोगाट (55 किग्रा) ने हारने से पहले कड़ी चुनौती पेश की.
ओलंपिक के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में वापसी कर रही साक्षी लय में नहीं दिखी और उन्हें रियो ओलंपिक के 63 किग्रा वर्ग की स्वर्ण पदक विजेता जापान की रिसाकी कवाई के खिलाफ दो मिनट और 44 सेकेंड में ही 10-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा. पिछले साल रियो में कांस्य पदक के साथ ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचने वाली साक्षी जापान की अपनी मजबूत प्रतिद्वंद्वी को कोई चुनौती नहीं दे पाई.
वजन वर्ग बढ़ाने के बाद 58 किग्रा की जगह पहली बार 60 किग्रा वर्ग में हिस्सा ले रही साक्षी को फाइनल तक के सफर के दौरान बामुश्किल पसीना बहाना पड़ा. चौबीस साल की साक्षी ने क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान की नबीरा एसेनबाएवा को 6-2 से हराने के बाद सेमीफाइनल में अयाअुलिम कासीमोवा को 15-3 से हराकर फाइनल में जगह बनाई. साक्षी ने पदक समारोह के बाद कहा कवाई बहुत ही अनुभवी पहलवान है और ओलंपिक स्वर्ण पदकधारी है.
यह मेरे लिये काफी अच्छा सीखने वाला अनुभव रहा. मैं खुश हूं कि रियो ओलंपिक और शादी के बाद वापसी के बाद मैंने रजत पदक अपने नाम किया. हालांकि मुझे लगता है कि मैं इससे बेहतर कर सकती थी.विनेश भी चोट के कारण काफी लंबे समय बाद वापसी कर रही हैं, उन्होंने शुरू में जापानी पहलवाना साई नानजो को चुनौती दी लेकिन अंत में उन्हें 4-8 से हारकर दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा.
उन्होंने क्वार्टरफाइनल में उज्बेकिस्तान की सेवारा एशमुरातोवा को 10-0 से और सेमीफाइनल में चीन की कि झांग को 4-0 से पराजित कर स्वर्ण पदक दौर में प्रवेश किया था. विनेश हालांकि आमतौर पर 48 किग्रा या 53 किग्रा में भाग लेती हैं लेकिन उन्हांने एशियाई चैम्पियनशिप में 55 किग्रा में भाग लेने का फैसला किया.उन्होंने कहा कि इस वजन वर्ग में रजत पदक जीतकर वह खुश हैं.
पिछले साल के रियो ओलंपिक के बाद वापसी करने वाली विनेश ने यह भी साफ किया कि वह अपने 48 किग्रा वर्ग में वापसी करेंगी, उन्होंने कहा 55 किग्रा वर्ग में भाग लेना और रजत पदक जीतना संतोषजनक है. मैं वापसी कर खुश हूं.दिव्या तीसरी भारतीय महिला पहलवान रहीं जिन्हें रियो खेलों की स्वर्ण पदकधारी जापान की सारा दोशो से हार का मुंह देखना पड़ा.
उन्हें एकतरफा मुकाबले में चार मिनट 55 सेकेंड में 0-8 से पराजय मिली. उन्होंने सुबह के सत्र में ताइपे की चेन ची को मैट पर गिराकर 2-0 से हराया और फिर सेमीफाइनल में कोरिया की हियोनयोंग पार्क को 12-4 से शिकस्त दी.रितु फोगाट को महिला 48 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक मिला क्योंकि उनकी प्रतिद्वंदी चीन की सुन यनान ने चोट के कारण तीसरे स्थान के प्ले आफ से हटने का फैसला किया.
रितु फोगाट को हालांकि महिला 48 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में जापान की युई सुसाकी के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी. उन्होंने क्वालीफिकेशन दौर में मंगोलिया की नारांगेरेल अर्देनसुख को क्वालीफिकेशन दौर में 11-4 से जबकि क्वार्टरफाइनल में कोरिया की यिओ जिन किम को मात दी थी.