पाकिस्तान में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई गई है. पाकिस्तान में उनकी पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तारी हुई थी. उन्हे पाकिस्तान के बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया था और पाकिस्तान ने उनपर भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट होने का आरोप लगाया है. जाधव मुंबई निवासी हैं. तीन मार्च 2016 को कुलभूषण जाधव को बलोचिस्तान में एक छापे के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि वो भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट है. पाकिस्तान ने एक 6 मिनट का एक वीडियो जारी किया था. जिसमें जाधव को स्वीकार करते हुए दिखाया गया था कि वो रॉ के एजेंट है और वो अभी भी भारतीय नौसेना के साथ है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि कुलभूषण के खिलाफ पाकिस्तान के पास पर्याप्त सूबत हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर जारी बयान में कहा गया था कि गिरफ्तार व्यक्ति के बयान से साफ संकेत मिलता है कि यह सिखा पढ़ा कर तैयार कराया गया वीडियो है और हमें उसकी सलामती की चिंता है. दरअसल, पाकिस्तानी सरकार के अधिकारियों ने कुलभूषण जाधव का छह मिनट का बयान जारी किया था, जिसे जियो चैनल पर चलाया गया था.
बयान में वह कहता दिख रहा है कि वह भारत की शीर्ष खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम कर रहा है, और अब भी भारतीय नौसेना का हिस्सा है. उसकी गिरफ्तारी के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि कुलभूषण भारतीय है, नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुका है, और रिटायरमेंट के समय से ही उसका ‘सरकार से कोई संपर्क नहीं रहा है. भारत सरकार ने कहा था कि कुलभूषण रिटार्यड नेवी अफसर है.
जाधव ने कहा कि वह मुंबई में रहता है, और अब भी भारतीय नौसेना का अधिकारी है, जिसकी सेवानिवृत्ति 2022 में होनी है. उसने कहा कि उसने वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद खुफिया विभाग में काम करने से करियर शुरू किया था, और बाद में उसने ईरान में छोटे स्तर पर व्यापार शुरू किया, जिसकी वजह से उसे पाकिस्तान आने-जाने में सहूलियत होने लगी, और वर्ष 2013 में उसे रॉ एजेंट बना लिया गया.