जीएसटी से जुड़े चारों बिल लोकसभा में पास

जीएसटी से जुड़े चारों बिल लोकसभा में पास हो गए। ये हैं- सेंट्रल जीएसटी (सी-जीएसटी), इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), यूनियन जीएसटी (यूटी-जीएसटी) और मुआवजा कानून बिल। बिल पर करीब 8 घंटे बहस हुई। इनके पास होने के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा- देशवासियों को बधाई। नया साल, नया कानून और नया भारत।

बहस की शुरआत जेटली ने की। कहा- जीएसटी से महंगाई नहीं बढ़ेगी। टैक्स के मौजूदा रेट्स एक लेवल पर ही रहेंगे। वहीं, कांग्रेस के वीरप्पा मोइली ने कहा- ये कोई गेम चेंजर स्टेप नहीं बल्कि बेबी स्टेप है। बिल में मैक्सिमम 40% जीएसटी रेट, मुनाफाखोरी रोकने के लिए अथॉरिटी बनाने और कर चोरी करने पर गिरफ्तारी जैसे प्रोविजन हैं। विवाद सुनवाई के लिए जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन होगा। 

1.सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी:इसे केंद्र सरकार वसूलेगी।

2.एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी:इसे राज्य सरकार वसूलेगी।

3.आईजीएसटी यानी इंटिग्रेटेड जीएसटी:अगर कोई कारोबार दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूलकर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी।

4. यूनियन टेरेटरी जीएसटी:यूनियन गवर्नमेंट द्वारा एडिमिनिस्ट्रेट किए जाने वाले गुड्स, सर्विस या दोनों पर लगेगा। इसे सेंट्रल गवर्नमेंट ही वसूलेगी।

1 जुलाई से जीएसटी लागू होने की उम्मीद बढ़ी।वन नेशन-वन टैक्स की 17 साल से जारी टैक्स रिफॉर्म की कोशिश कामयाब होगी। सबसे पहले वाजपेयी सरकार ने 2000 में जीएसटी के बारे में सोचा था।20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स खत्म होंगे। ये देश के लिए ऐतिहासिक होगा।

अब कुछ नियमों पर जीएसटी काउंसिल 31 मार्च की बैठक में फैसला करेगी। राज्यसभा में ये बिल पारित होंगे। राज्य विधानसभा में भी उनके बिल पास होंगे।एक स्टडी के मुताबिक, इससे देश की जीडीपी ग्रोथ रेट एक से दो फीसदी बढ़ सकती है। ना केवल नई नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी। 

एसजीएसटी को सभी राज्यों विधानसभा में पारित किया जाना है। जीएसटी काउंसिल की बैठक 31 मार्च को होगी। इसमें नियमों को मंजूरी दी जाएगी। फिर अलग-अलग प्रोडक्ट और सर्विसेस पर कितना जीएसटी लगेगा, यह तय किया जाएगा।जीएसटी के लिए 5, 12, 18 और 28% की चार दरों की स्लैब का प्रपोजल है।

जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स। इसे केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले लगाया जा रहा है। जीएसटी के बाद एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम, वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, लग्जरी जैसे टैक्स खत्म होंगे।

अभी हम अलग-अलग सामान पर 30 से 35% टैक्स देते हैं। जीएसटी में कम टैक्स लगेगा।सभी राज्यों में सभी सामान एक कीमत पर मिलेगा। अभी एक ही चीज दो राज्यों में अलग-अलग दाम पर बिकती है, क्योंकि राज्य अपने हिसाब से टैक्स लगाते हैं।17 साल पहले वाजपेयी सरकार ने इसकी नींव रखी थी। पर मेजॉरिटी ना होने के कारण यह टलता रहा।

2009 में यूपीए ने कोशिश की। ज्यादातर राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारें थीं। सभी नुकसान की भरपाई पर अड़ी थीं। अब केंद्र और ज्यादातर राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं।जीएसटी 150 देशों में लागू हो चुका है। लेकिन रेट अलग-अलग हैं।जापान में 5%, सिंगापुर में 7%, जर्मनी में 19%, फ्रांस में 19.6% है।स्वीडन में 25%, ऑस्ट्रेलिया में 10%, कनाडा में 5%, न्यूजीलैंड में 15% और पाकिस्तान में 18% तक है।

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