जानिये रहस्यमयी बरमूडा ट्रायंगल का निर्माण हिन्दू वेदों के अनुसार कैसे और क्यों हुआ?
बरमूडा ट्राइएंगल यह वो जगह है जहां से आज तक सबसे अधिक संख्या में शिप और प्लेन गायब हुए है। बरमूडा ट्राइएंगल में न जाने ऐसी कौन सी रहस्यमय शक्ति है जो बड़े से बड़े जहाज और हवा में उड़ते विमानों को भी अपनी ओर खींच लेती है और फिर पलक झपकते ही सब कुछ गायब हो जाता है। बरमूडा ट्राइएंगल अब तक 100 से भी ज्यादा हवाई जहाजों को निगल चुका है, हैरानी की बात है कि यहां गायब होने वाले सैकड़ों लोगों की लाशें तक नहीं मिली है।
कई मशहूर वैज्ञानिकों ने इस राज से पर्दा उठाने की कोशिश कि और अपनी धारणाऐं पेश की लेकिन फिर भी कोई संतोष जनक हल नहीं खोज सके। द डेडली ट्राएंगल, शैतानों का टापू आदि नामों से जाना जाने वाला बरमूडा ट्राएंगल पृथ्वी के सबसे रहस्मयी और हैरतंगेज स्थानों में से एक है।
प्यूर्टोरिको, फ्लोरिडा और बरमूडा नामक तीन स्थानों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने वाला यह त्रिकोण अटलांटिक महासागर में अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है। एक लंबे समय से यह त्रिकोण वैज्ञानिकों और आम जन-मानस की उत्सुकता और जिज्ञासा का केन्द्र बना हुआ है।
बरमुडा त्रिकोण 5 दिसंबर 1945 को दुनिया की नज़र में चर्चा का विषय बन गया जब अमेरिकी नेवी के पांच बम वर्षक विमान अटलांटिक महासागर में डूब गए। इनकी खोज में नेवी की एक नौका भी भेजी गई यह भी वापिस न आ सकी और समुद्र की गहराई में समा गई|कुछ लोग बरमूडा के इस ट्राएंगल को दूसरे ग्रह से आए लोगों का शोध केन्द्र मानते हैं. उनका कहना है कि समुद्र के नीचे एलियन विभिन्न शोधों को अंजाम देते हैं और वह नहीं चाहते कि मनुष्य उनके कार्य में बाधा उत्पन्न करें, इसीलिए वह यह सब करते हैं. बरमूडा के इस छुपे रहस्य को जांचने के लिए कई वैज्ञानिकों द्वारा कुछ सिद्धांतों पर विचार किया जा रहा है: