500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने को लेकर मायावती का केंद्र पर हमला

mayawati

 मायावती ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के केन्द्र सरकार के कदम को तानाशाही और अहंकार से भरा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश के करोड़ों गरीबों और मेहनतकशों को इससे पीड़ा हो रही है और जब सरकार इस पीडा को समझ ना पाये तो उसके बुरे दिन दूर नहीं।मायावती ने एक बयान में कहा भाजपा के इस तानाशाही और अहंकारी व्यवहार की सजा जनता उसे जरूर देगी।

ये आर्थिक आपातकाल लगाने वाला फैसला है। इससे देश के करोडों गरीबों और मेहनतकशों को पीडा हो रही है। उनकी पीड़ा को अपना समझकर बसपा ने केन्द्र के फैसले पर कल कडी प्रतिक्रिया दी थी।उन्होंने कहा जब देश की शासक पार्टी देशवासियों और आम नागरिकों की पीड़ा नहीं समझ पाये तो ऐसी सरकार के बुरे दिन दूर नहीं हैं। यह जनता में आम चर्चा भी है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस फैसले को बसपा के लिए आर्थिक आपातकाल करार दिया था, जिस पर मायावती ने कहा कि शाह को शायद मालूम नहीं है कि जमीन से जुड़े बसपा के छोटे बड़े कार्यकर्ताओं ने कठिन से कठिन समय में भी अपनी पार्टी को आर्थिक तकलीफ नहीं होने दी है और वे पूरे तन, मन, धन से बसपा मूवमेंट (आंदोलन) को सहयोग करते रहे हैं, जिससे पूरा देश वाकिफ है।बसपा सुप्रीमो ने केन्द्र और भाजपा को सलाह दी कि वह इस अपरिपक्व में जो गंभीर कमियां हैं, उन्हें छिपाने की बजाय जल्द दूर करने का प्रयास करे।

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