दयाशंकर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यूपी एसटीएफ और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने उन्हें शुक्रवार को बिहार के बक्सर से गिरफ्तार किया.गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस उन्हें लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई है. इससे पहले खबर आई थी कि गिरफ्तारी पर रोक की अर्जी खारिज होने के बाद वह आत्मसमर्पण कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया कि सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.सिंह को बिहार के बक्सर जिले से गिरफ्तार किये जाने की खबर है. हालांकि पाठक ने इसकी पुष्टि नहीं की है.भाजपा के तत्कालीन प्रान्तीय उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने पिछले दिनों मायावती पर कथित अभद्र टिप्पणी की थी. उसके बाद उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया था और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था.
बसपा नेता मेवालाल गौतम की तरफ से दर्ज प्राथमिकी में सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम तथा भारतीय दंड सहिता की संबद्ध धाराएं लगाई गई थीं. पुलिस सिंह की गिरफ्तारी के लिये जगह-जगह छापे मार रही थी.सिंह की गिरफ्तारी न होने को लेकर राज्य सरकार चौतरफा घिर गयी थी. बसपा उस पर भाजपा से मिलीभगत का लगातार आरोप लगा रही थी, वहीं भाजपा भी उस पर बसपा की मदद करने का इल्जाम लगाकर उसे घेर रही थी.
दयाशंकर सिंह ने बसपा प्रमुख पर टिप्पणी के बाद अपने खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उन्होंने इस मामले में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश देने का आग्रह किया था. हालांकि अदालत ने गुरुवार को उन्हें इस सिलसिले में कोई राहत नहीं दी थी.सिंह पर 19 जुलाई को मऊ में एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान सुश्री मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है.
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बसपा अध्यक्ष मायावती पर बुधवार को अभद्र टिप्पणी करते हुए उन पर ज्यादा से ज्यादा धन देने वालों को पार्टी का चुनाव टिकट बेचने का आरोप लगाया था. हालांकि मामला तूल पकड़ने पर उन्होंने माफी भी मांग ली थी.बाद में सिंह ने बलिया में कहा कि मायावती छोटे परिवार से निकली बड़ी नेता हैं. उनका मकसद किसी को दुख या किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाना नहीं था. अगर उनके मुंह से कोई ऐसी बात निकल गयी हो, तो वह इसके लिये माफी चाहते हैं.
सिंह के खिलाफ सुश्री मायावती ने राज्यसभा में भी जोरदार आवाज उठाई थी. उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने राज्य में कई स्थानों पर छापेमारी की.दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह का कहना है कि बसपा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान उनके परिवार के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों का प्रयोग किया. उनका दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने उन्हें और उनकी बेटी को पेश करने की मांग की थी.
उनके पति ने गलत बयानी की है, कानून उन्हें सजा देगा लेकिन बसपा कार्यकर्ताओं ने जो अभद्रतम टिप्पणियों का प्रयोग किया है उसके लिए उन्हें कौन सजा देगा.उन्होंने बताया कि उनकी 12 वर्षीय बेटी सदमे में है. सुश्री मायावती को अपने कार्यकर्ताओं की कृत्य के लिए क्षमा मांगनी चाहिए.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे पति को पार्टी ने छोड़ा है, परिवार ने नहीं. वह, उनकी सास और परिवार के अन्य लोग एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे. उन्हें भरोसा है कि उनके परिवार के साथ बहुत सारे लोग जुड़ेंगे और इस लड़ाई में उनका साथ देंगे. उन्होंने कहा कि बसपा कार्यकर्ताओं ने जिस भाषा का प्रयोग किया है उससे उनके परिवार को गहरा आघात लगा है.
दयाशंकर सिंह की 78 वर्षीय मां ने कहा कि जिस तरह बसपा के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की मौजूदगी में हिंसा भड़काने के लिए कार्यकर्ताओं को उकसाया गया वह निन्दनीय और अपराध की श्रेणी में आता है.श्रीमती सिंह ने कहा कि प्रदर्शन में बसपा अध्यक्ष मायावती के कहने पर लोग इकट्ठा हुए थे और ‘बेटी पेश करो, पत्नी पेश करो’ के नारे लगा रहे थे. उनकी 12 वर्षीय पोती इससे सदमे में है. उसने जो समाचार चैनलों में देखा उससे उसपर बुरा प्रभाव पड़ा है.