स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा अध्यक्ष मायावती पर भ्रष्टाचार और वसूली के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विजय माल्या की तरह बसपा अध्यक्ष कभी भी विदेश भाग सकती हैं.मौर्य ने शुक्रवार को लखनऊ के गोतमीनगर में अपने समर्थकों के सम्मेलन में कहा कि वसूली की वजह से सुश्री मायावती ने डा. भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम के सिद्धान्तों को चकनाचूर कर दिया. आबादी के अनुपात से ज्यादा अगड़ों को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट दिये गये, जबकि पिछड़ों के टिकट को कम कर दिया गया.
मौर्य ने कहा कि रमाबाई अम्बेडकर मैदान में आगामी 22 सितम्बर को रैली आयोजित की जाएगी. इसी में पार्टी या मोर्चा बनाने अथवा नहीं बनाने की घोषणा की जाएगी. सम्मेलन में शिवपुर विधानसभा क्षेत्र के बसपा विधायक उदयलाल मौर्य, पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद, पूर्व विधायक अनिल कुमार मौर्य, पूर्व एमएलसी परमेरीलाल सैनी, रवीन्द्र त्रिपाठी, पूर्व विधायक रामभारती समेत डेढ़ दर्जन से अधिक पूर्व विधायक मंच पर मौजूद थे.
भीड़ देख उत्साहित श्री मौर्य ने कहा कि इतनी अधिक संख्या में लोगों के आने से लगता है कि आप लोगों में जोश और गुस्सा है. यह गुस्सा बरकरार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसे पार्टी नहीं छोड़ता. सम्मेलन में जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी मेम्बर और अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी दर्शाती है कि लोग बहन जी से बहुत नाराज हैं. इस अवसर पर उन्होंने 15 पृष्ठों की पुस्तिका भी बंटवाई. पुस्तिका के पिछले पृष्ठ पर कांशीराम की फोटो छापी गयी थी.
फोटो के साथ श्री मौर्य ने लिखा है, मान्यवर कांशीराम जी की अपील पर दलितों ने तो वोटों का सौदा बन्द कर दिया, किन्तु अब दलितों के वोटों का सौदा उनकी उत्तराधिकारी व बसपा नेता कर रही हैं.पुस्तिका को उन्होंने बहुजन समाज के दर्द का दस्तावेज बताते हुए कहा कि सुश्री मायावती ने टिकट का आधार पैसा ही बना दिया. पुस्तिका के जरिये उन्होंने बसपा अध्यक्ष मायावती पर जबरदस्त हमले किये. श्री मौर्य ने कहा, मैं उन लोगों को सावधान करना चाहता हूं जो मायावती को पैसे देकर टिकट या संगठन में जगह ले रहे हैं.
वह कभी भी देश छोड़कर विजय माल्या की तरह भाग सकती हैं. उन्होंने कई करोड़ रुपये बटोर लिये हैं. वह डा. अम्बेडकर और कांशीराम के मिशन को चकनाचूर कर रही हैं.बसपा छोड़ने के बाद पहली बार सम्मेलन के जरिये अपने समर्थकों से मुखातिब मौर्य ने कहा कि बहुजन समाज सुश्री मायावती को देवी की तरह पूजता है, लेकिन वह भ्रष्टाचार में गले तक डूबी हुई हैं. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष और महासचिव रह चुके मौर्य ने कहा कि सुश्री मायावती को जमीनी कार्यकर्ताओं की जरुरत नहीं है.
उन्हें अब ऐसे संग्रह अमीनों की जरूरत है जो उनकी पैसे की भूख मिटा सकें. सुश्री मायावती की वजह से डा. अम्बेडकर और कांशीराम द्वारा तैयार भवन में दरार आ रही है.उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपये दिये बगैर दलित को भी बसपा में विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिल सकता. उम्मीद के विपरीत श्री मौर्य ने सम्मेलन में भाजपा या किसी अन्य दल में शामिल होने या कोई मोर्चा बनाने की घोषणा नहीं की. उन्होंने कहा कि 22 सितम्बर की रैली में राजनीतिक रणनीति का ऐलान किया जाएगा.
मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ों की आबादी के अनुपात में श्री कांशीराम विधानसभा चुनाव में करीब 225 टिकट देते थे. पिछड़ों का सम्मान बना रहता था, लेकिन बसपा संस्थापक के न रहने पर मात्र चार दशमलव पांच फीसदी वाली अगड़ी जातियों को 130 टिकट तक दिये गये और पिछड़ों को 20-30 टिकट देकर निपटा दिया गया.
उन्होंने कहा कि दलितों की तरह पिछड़े और अतिपिछड़े भी काफी गरीब हैं, लेकिन बसपा में ऊंची जातियों के आगे उनकी अनदेखी की गयी. उनका कहना था कि समाजवादी पार्टी के शासन में दलितों, पिछड़ों को मारा गया, अपहरण किये गये, बलात्कार हुए, फिरौती ली गयी. लेकिन 2017 में सरकार बनाने के सपने देख रही बसपा ने कोई ठोस विरोध नहीं किया. मौर्य ने कहा कि सुश्री मायावती का इससे कोई लेना-देना नहीं है. उनकी पैसे की मूल आवश्यकता बस पूरी होती रहे.