रियो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके कई भारतीय पैरा खिलाड़ियों को आज बड़ी राहत मिली जब विश्व संचालन संस्था अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) ने भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) पर पिछले साल लगा प्रतिबंध अस्थाई तौर पर हटा दिया जिससे कि भारतीय खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में तिरंगे तले हिस्सा ले सकें।
आईपीसी ने 31 मई को पीसीआई पर लगा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया जिसका एकमात्र उद्देश्य यह है कि भारतीय पैरा खिलाड़ी रियो 2016 पैरालंपिक खेलों में तिरंगे के तले हिस्सा ले सकें। सात से 18 सितंबर तक होने वाले रियो पैरालंपिक खेलों के लिए अब तक रिकार्ड 20 भारतीय पैरा खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं।
प्रतिबंध को पैरालंपिक खेलों तक ही हटाया गया है और अगर पीसीआई वैश्विक संस्था के सुधारवादी कदमों को लागू करने में नाकाम रहता है तो प्रतिबंध दोबारा लगा दिया जाएगा। वैश्विक संस्था ने कहा, ‘आईपीसी ने भारत और कोस्टा रिका की राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (एनपीसी) पर लगा प्रतिबंध 31 मई को हटा दिया जिसका एकमात्र उद्देश्य ये है कि इन दोनों देशों के पैरा खिलाड़ी रियो 2016 पैरालंपिक खेलों में अपने राष्ट्रीय ध्वजों के तले हिस्सा ले सकें।
आईपीसी ने कहा, ‘भारत और कोस्टा रिका दोनों को बड़े सुधारवादी कदम उठाने होंगे और आईपीसी इन्हें लागू करने और इनकी समयसीमा पर करीब से नजर रखेगी। इन्हें बताए गए सुधारवादी कदमों को जब तक पूर्ण रूप से लागू नहीं किया जाता तब तक दोनों देशों की आईपीसी सदस्यता की पात्रता पूर्ण रूप से पूरी नहीं होगी।
पीसीआई सचिव जे चंद्रशेखर ने पीटीआई से कहा कि वैश्विक संस्था ने साफ कर दिया है कि अगर भारत सुधारवादी कदमों को लागू नहीं करता है तो प्रतिबंध दोबारा लगाया जा सकता है। चंद्रशेखर ने कहा, ‘आईपीसी ने जो हमें लिखा है उसके अनुसार रियो पैरालंपिक के अंत तक अस्थाई तौर पर निलंबन हटाया गया है। उन्होंने हमें कहा है कि उनके सुझाए सुधारवादी कदमों को तब तक लागू किया जाए और अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो निलंबन को दोबारा लागू किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सुधारवादी कदमों को लागू करने की कोशिशें कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि हम आईपीसी की समय सीमा के अंदर इसे पूरा कर लें जिससे कि पैरालंपिक संस्था में हमारी स्थायी वापसी हो।विभिन्न गुटों में आंतरिक मतभेद के कारण पीसीआई को पिछले साल अप्रैल में निलंबित किया गया था।