उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण आज

harish-rawat

उत्तराखंड विधानसभा में 10 मई को शक्ति परीक्षण होना है। सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की अर्जी पर सुनवाई करने के बाद अपने फैसले में कहा कि कांग्रेस के बागी 9 विधायकों को शक्ति परीक्षण के दौरान वोटिंग का अधिकार नहीं होगा। हाई कोर्ट में अर्जी खारिज होने के बाद बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। इससे पहले, नैनीताल हाईकोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त किए जाने के उत्तराखंड राज्य विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इस अर्जी के खारिज होने के साथ ही यह साफ हो गया कि बागी विधायक शक्ति परीक्षण में वोटिंग नहीं कर पाएंगे।

बता दें कि उत्‍तराखंड विधानसभा में मंगलवार को शक्ति परीक्षण होना है। इसके लिए कल सुबह 11 बजे विधानसभा मंडप में विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा।हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा कि ये फैसला न्‍याय की जीत है। हम कल विधानसभा में फ्लोर टेस्‍ट पास करेंगे। दूसरी ओर, उत्तराखंड के अयोग्य करार दिए गए नौ विधायकों ने सोमवार को उच्च न्यायालय में उनकी याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

कांग्रेस के इन नौ विधायकों ने 18 मार्च को विनियोग विधेयक पर कार्यवाही के दौरान भाजपा के साथ हाथ मिलाया था, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने उन्हें अयोग्य ठहराने का निर्णय सुनाया था। न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने अध्यक्ष कुंजवाल के इस निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया।गौर हो कि उच्चतम न्यायालय ने 10 मई को विधानसभा में शक्ति परीक्षण का आदेश देते हुए कहा था कि अगर शक्ति परीक्षण के दौरान तक उनकी (अयोग्य विधायकों की) यही स्थिति बनी रहती है तो ‘वे (अयोग्य विधायक) शक्ति परीक्षण में शामिल नहीं होंगे।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने आदेश दिया कि पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच दो घंटे के दौरान विश्वास मत पर मतदान होगा। उस दौरान राष्ट्रपति शासन लागू नहीं रहेगा। न्यायालय ने कहा था कि वर्तमान में हमारे फैसले से अयोग्य विधायकों के मामले में किसी किस्म का पूर्वाग्रह नहीं होगा जो फिलहाल उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पास विचाराधीन है। उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि पूरे दो घंटे की कार्यवाही की वीडियोग्राफी होगी।

न्यायालय ने कहा कि विश्वास मत पर मतविभाजन विधानसभा के प्रधान सचिव की निगरानी में होगा। उत्तराखंड में पिछले पौने दो महीने से चली आ रही राजनीतिक उठापटक और कानूनी दांवपेचों के बीच सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य विधानसभा में मंगलवार को होने वाले शक्ति परीक्षण की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं, जिसमें अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत की किस्मत का फैसला होगा।

हालांकि, गत 18 मार्च को हरीश रावत के खिलाफ बगावत कर उत्तराखंड में सियासी घमासान की शुरूआत करने वाले नौ बागी कांग्रेस विधायकों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कल होने वाले शक्ति परीक्षण में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय देने से सदन की प्रभावी क्षमता घटकर 62 और बहुमत का आंकडा 32 हो गया है।इस बीच, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हो रहे इस शक्ति परीक्षण के लिये बुलाये गये विशेष सत्र हेतु सुरक्षा सहित सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।

उधर, अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बागियों पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि न्यायपालिका ने उन्हें न्याय दिया है ओर कल विधानसभा में भी उनके साथ न्याय होगा।रावत ने संवाददाताओ से बातचीत में कहा, ‘यह न्याय की जीत है। न्यायपालिका से हमें न्याय मिला है और मंगलवार को विधानसभा पटल पर भी हमें न्याय मिलेगा।’ राज्य विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने बताया कि फिलहाल एंग्लो-इंडियन समुदाय से मनोनीत विधायक समेत विधानसभा की प्रभावी क्षमता 62 है जिसमें से उन्हें छोडकर बाकी सभी विधायक कल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा रखे जाने वाले विश्वासमत पर अपना वोट देंगे।

उन्होंने कहा कि वह केवल उसी परिस्थिति में वोट देंगे जब सदन में पक्ष और विपक्ष के विधायकों की संख्या बराबर हो जाये और किसी निर्णय पर पहुंचने के लिये उनका मत देना जरूरी हो। विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 27 है और उसे अपने विधायकों के अलावा एक मनोनीत विधायक तथा हरीश रावत सरकार में शामिल रहे छह सदस्यीय प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) के समर्थन का भी भरोसा है। 

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