दिल्ली सरकार अपने अंदर आने वाले स्कूलों में से 77 स्कूलों के खेल के मैदानों को कक्षाएं समाप्त होने या अवकाश के दिनों में खेल संघों तथा क्लबों को कार्यक्रम आयोजन हेतु किराए पर देगी।शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, ‘यह महसूस किया गया है कि दिल्ली में छात्रों और निवासियों के पास खेलने के लिए खुली जगह नहीं है। या तो वे अपने क्षेत्र के पार्क में खेलते हैं या फिर घरों में मनोरंजन के लिए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट पर निर्भर हैं।’
उसमें कहा गया है, ‘हमने 77 स्कूलों के खेल के मैदानों की सूची बनायी है। स्थानीय लोग इन मैदानों का कक्षाओं से पहले, उनके बाद और अवकाश के दिनों में प्रयोग कर सकेंगे। खेल के मैदानों की वास्तविक उपलब्धता को जांचने के बाद धीरे-धीरे अन्य स्कूलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अध्यक्षता में फरवरी में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। खेलों के लिए ये मैदान सिर्फ खेल एसोसिएशनों और क्लबों को खुले में खेले जाने वाले खेलों के आयोजन के लिए किराए पर दिए जाएंगे।
हालांकि, एथलेटिक खेलों के संदर्भ में लोगों को व्यक्तिगत अभ्यास के लिए भी मैदान किराए पर दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें 5000 रूपए की सुरक्षा राशि जमा करानी होगी, जो बाद में वापस कर दी जाएगी। विकलांगों और स्कूली छात्रों के लिए एथलेटिक अभ्यास नि:शुल्क होगा, महिलाओं, 45 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले और गरीबी रेखा से नीचे आने वालों को छूट दी जाएगी। खेल के मैदानों के प्रयोग की अनुमति संबंधित जिले के शिक्षा उपनिदेशक देंगे।