ईपीएफ पर सरकार ने 8.8 फीसदी ब्याज दर की

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सरकार ईपीएफ पर 8.8 फीसदी ब्याज देने को सहमत हो गई। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने पहले के फैसले से यूटर्न लेते हुए ईपीएफ पर 8.8 फीसदी ब्याज देने को तैयार हो गए हैं। गौर हो कि इससे पहले वित्त मंत्री ईपीएफ 2015-16 पर 8.7 फीसदी ब्याज देने की बात कही थी।कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से जुड़ा यह तीसरा फैसला है जिसे सरकार ने कर्मचारियों के दबाव के आगे झुकते हुए वापस लिया है। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा ‘मुझे खुशी है कि वित्त मंत्रालय 2015-16 के लिये भविष्य निधि पर 8.8 प्रतिशत की ब्याज दर देने पर सहमत हो गया है।

हम 8.8 प्रतिशत ब्याज के बारे में जल्दी ही अधिसूचना जारी करेंगे।’  सूत्रों ने कहा कि ईपीएफओ की आय के बारे में नये आंकड़े सामने आने के बाद वित्त मंत्रालय ने अपना फैसला पलटा। इससे पहले, वित्त मंत्रालय ने 2015-16 के लिये ईपीएफओ के 8.8 प्रतिशत ब्याज देने के निर्णय को खारिज कर दिया था और 8.7 प्रतिशत ब्याज नियत किया था। वित्त मंत्रालय ने पूर्व के अधिशेष कोष का उपयोग कर तथा निष्क्रिय खातों की देनदारी को पूरा करने के लिये पर्याप्त राशि का प्रावधान नहीं करने की आशंका के आधार पर 8.7 प्रतिशत ब्याज को मंजूरी दी थी।

उसने कहा कि वित्त मंत्रालय का निर्णय पूरी तरह गणितीय आकलन पर आधारित था और सभी सदस्यों के हित में था। चर्चा के दौरान श्रम मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 2014-15 की आय अनुमान से अधिक रही और उसका उपयोग 8.8 प्रतिशत ब्याज देने में किया जाएगा। पुन: यह भी स्पष्ट किया गया कि ईपीएफओ निष्क्रिय खातों में जमा मूल राशि तथा उस ब्याज के लिये अलग से प्रावधान कर रहा है और उसे सक्रिय खातों में वितरित नहीं किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि इसके आधार पर वित्त मंत्रालय ने 8.8 प्रतिशत ब्याज को मंजूरी दी।

लेकिन मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को सलाह दी कि वह भविष्य के लिये आरक्षित कोष तैयार करे जो घटते ब्याज दर के दौर में कर्मचारियों को ब्याज दरों में कमी के प्रभाव से संरक्षण उपलब्ध कराने में मदद कर सकता है।इससे पहले सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि में नियोक्ता के हिस्से की निकासी पर कर्मचारी के 58 साल पूरे करने तक रोक लगाई थी। बाद में इस फैसले को वापस ले लिया गया था। इसके अलावा भविष्य निधि की निकासी पर एक हिस्से पर कर लगाने के फैसले को सरकार को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा था। 

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