सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को बैंकों को अपनी संपत्ति की जानकारी देने का आदेश दिया है.बैंकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान हुए माल्या के वकील ने कहा कि वे कब भारत लौट रहे हैं इसकी जानकारी नहीं है. बैंकों का आरोप है कि माल्या जांच में सहयोग नहीं दे रहे हैं.इसके जबाव में माल्या के वकील ने कहा कि बैंकों का उद्देश्य कर्ज की रकम को हासिल करना नहीं बल्कि उन्हें जेल भेजना है. बैंकों ने शीर्ष अदालत से कहा कि माल्या कानून के भगोड़े हैं और उन्हें अदालत के समक्ष पेश होना चाहिए.
न्यायाधीश कुरियन जोसेफ और न्यायाधीश रोहिंगटन फाली नरीमन की खंडपीठ ने की विदेशों में संपत्ति की जानकारी होने पर बैंक नियमों के तहत कार्रवाई करेंगे. शीर्ष अदालत ने बंगलुरु स्थित डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल को इस मामले को दो महीने के भीतर निबटाने का भी आदेश दिया.माल्या के वकील सीएस वैद्यनाथन ने खंडपीठ ने गुजारिश की कि संपत्ति के ब्यौरे का उपयोग आपराधिक मामलों में नहीं किया जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि माल्या लुका-छिपी का खेल खेलकर कानून से बचना चाहते हैं. रोहतगी ने कहा कि माल्या के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार ब्रिटेन से मदद लेगी. माल्या ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया है.