प्रसिद्ध अन्ना हजारे का गांव रालेगणसिद्धि भी सूखे की चपेट में है और वहां तीन टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। अन्ना के एक सहयोगी ने कहा, ‘पिछले एक महीने से तीन टैंकर गांव में जलापूर्ति कर रहे हैं। पिछली बार इस गांव ने करीब तीन दशक पहले पानी के टैंकर देखे थे। उसके बाद अन्ना हजारे ने गांव और उसके आसपास वाटरशेड परियोजना लागू की थी।’
इस साल के सूखे में रालेगणसिद्धि भी पानी के टैंकरों पर आश्रित है क्योंकि उसके जल संसाधन सूख चुके हैं जिससे कभी सूखा वाले अहमदनगर के इस गांव में वाटरशेड परियोजना चलाने वाले अन्ना हजारे के माथे पर शिकन आ गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘ग्रामीणों ने संरक्षित भूजल का इस्तेमाल करने के लिए बोरवेलों का उपयोग किया है। इस गांव में 300 बोरवेल हैं और हमने उसे गांव के मानचित्र से बंद करने का फैसला किया है। 110 बोरवेलों जो 200 फुट से भी अधिक गहरे हैं को भरने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।