गुजरात लायन्स ने राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स को सात विकेट से हराकर अपना विजय अभियान जारी रखा। महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना दो अक्तूबर 2006 के बाद पहली बार किसी मैच में एक दूसरे के आमने सामने थे। ऐसे में सभी की निगाह चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व खिलाड़ियों के बीच होने वाली इस जंग पर टिकी थी। धोनी ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन मैच में रैना की रणबांकुरों ने बाजी मारी।
पुणे ने पहले आठ ओवर में एक विकेट पर 76 रन बनाये थे लेकिन इसके बाद अगले 11 ओवर में उसने केवल 67 रन बनाये। कप्तान धोनी (10 गेंदों पर नाबाद 22 ) ने आखिरी ओवर में 20 रन जुटाकर टीम को पांच विकेट पर 163 रन तक पहुंचाया। इससे पहले फाफ डुप्लेसिस ने 43 गेंदों पर पांच चौकों और चार छक्कों की मदद से 69 रन बनाये और केविन पीटरसन (31 गेंदों पर 37 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिये 86 रन की साझेदारी की। आरोन फिंच ( 36 गेंदों पर 50 रन) और ब्रैंडन मैकुलम ( 31 गेंदों पर 49 रन) ने पहले विकेट के लिये 85 रन जोड़कर गुजरात के लिये ठोस नींव रखी।
इसके बाद कप्तान रैना (24) ने जिम्मा संभाला जबकि ड्वेन ब्रावो ने दस गेंदों पर नाबाद 22 रन की तूफानी पारी खेली जिससे लायन्स की टीम 18 ओवर में तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल करने में सफल रही।यह गुजरात की लगातार दूसरी जीत है। उसने पहले मैच में किंग्स इलेवन पंजाब को हराया था जबकि पुणे को मुंबई पर जीत के बाद अब हार का स्वाद चखना पड़ा। इसके बाद बल्लेबाजी में मैकुलम और फिंच ने गुजरात को अपेक्षित शुरूआत दिलायी। न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ने आरपी सिंह पर दो छक्के लगाकर खांडेरी स्टेडियम में दर्शकों को रोमांचित किया।
रविचंद्रन अश्विन ने कसा हुआ ओवर किया लेकिन पावरप्ले का आखिरी ओवर करने आये लेग स्पिनर मुरूगन अश्विन का फिंच ने चार चौकों से स्वागत किया जिससे छह ओवर के बाद स्कोर बिना किसी नुकसान के 62 रन हो गया। शुरू में सतर्क होकर खेलने वाले फिंच ने रजत भाटिया के ओवर में दो छक्के लगाये और फिर 33 गेंदों पर अपना लगातार दूसरा अर्धशतक पूरा किया लेकिन इसके तुरंत बाद वह मुरूगन अश्विन की गेंद पर डीप स्क्वायर लेग पर कैच दे बैठे।
उन्होंने सात चौके और दो छक्के लगाये। मुरूगन अश्विन ने 31 रन देकर दो विकेट लिये। मैकुलम अर्धशतक बनाने से चूक गये। वह आर अश्विन पर चौका और छक्का लगाकर अर्धशतक के करीब पहुंचे थे। इस बीच धोनी ने उन्हें स्टंप आउट करने का मौका भी गंवाया लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाये और इशांत शर्मा की गेंद पर लंबा शाट लगाने के प्रयास में गेंद हवा में लहरा गये। उनकी पारी में तीन चौके और इतने ही छक्के शामिल हैं।
मैकुलम जब आउट हुए तब गुजरात को 41 गेंदों पर 44 रन की जरूरत थी और धोनी का कोई भी दांव नहीं चल रहा था। रैना और ब्रावो ने सहजता से रन बटोरे। ब्रावो ने इशांत पर लगातार तीन चौके लगाकर उनका गेंदबाजी विश्लेषण बिगाड़ा और बाद में भाटिया पर छक्का जड़ा। इसके बाद परिदृश्य बदल गया तथा डुप्लेसिस और पीटरसन यह तेजी बरकरार नहीं रख पाये।गुजरात ने बीच के ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी की। बीच में सात ओवरों ( नौ से 15 ओवर ) में केवल 45 रन बने और पीटरसन पवेलियन लौटे जिन्हें ब्रावो ने बोल्ड किया। उन्होंने अपनी पारी में दो चौके और एक छक्का लगाया।
डुप्लेसिस ने ताम्बे पर चौका और छक्का जड़कर रन गति बढ़ायी लेकिन फिर से आगे बढ़कर लंबा शाट खेलने के प्रयास में वह स्टंप आउट हो गये। अगले तीन ओवरों में केवल नौ रन बने तथा इस बीच दो आस्ट्रेलियाई स्टीवन स्मिथ (पांच) और मिशेल मार्श (सात) भी पवेलियन लौटे। इस बीच जडेजा ने 17वें और 19वें ओवर में दो- दो रन दिये। आखिरी ओवर में मुकाबला डेथ ओवरों के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज धोनी और सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज ब्रावो के बीच था। धोनी ने हालांकि दो चौके और एक छक्का लगाकर टीम को 150 रन के पार पहुंचाया और इस बीच आईपीएल में 3000 रन पूरे करने वाले सातवें बल्लेबाज बने।