मसूद अजहर पर बैन लगाने के लिए भारत यूनाइटेड नेशन्स में अपील करेगा। भारत इससे पहले भी यूएन से यही मांग कर चुका है। लेकिन चीन के विरोध के चलते मसूद पर बैन नहीं लग सका। बता दें कि मसूद वही आतंकी है, जिसे 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक केस में छोड़ा गया था। दूसरी ओर, एयरबेस पर हमले की जांच में इनवेस्टिगेटर्स को पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ होने के नए सबूत मिले हैं।
फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप ने बताया, ” मसूद के खिलाफ यूएन की 1267 सेंक्शन कमेटी में जाएंगे, ताकि उस पर बैन लगे।उन्होंने कहा, “यह अजीब बात है कि मसूद का संगठन जैश ए-मोहम्मद बैन लिस्ट में है। जबकि उसके सरगना पर कोई पाबंदी नहीं है।हमने यूएन सेंक्शन कमेटी को मसूद समेत पाकिस्तान के 11 आतंकियों की नई लिस्ट दी है।ये सभी अल-कायदा, तालिबान और अन्य टेरर ग्रुप के द्वारा समर्थित ग्रुप्स के मेंबर्स हैं।
पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद को पाकिस्तान गवर्नमेंट ने प्रोटेक्टिव कस्टडी में रखा है।यूएन ने जैश-ए-मोहम्मद पर 2001 में पाबंदी लगाई थी। लेकिन चीन के विरोध के चलते भारत उसके चीफ मसूद पर बैन नहीं लगवा सका।पठानकोट हमले के बाद क्लीनअप ऑपरेशन के दौरान सिंबल के पास इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान के लेबल वाले खाली फूड पैकेट मिले हैं।
ये फूड पैकेट एनआईए के पास हैं। ये कराची में बने थे। इसे फोरिंसिक टेस्ट के लिए भेज दिया गया है।पैकेट्स में शाही पनीर, चिकन निहारी, दाल फ्राय, लाहौरी छोले जैसी डिशेज शामिल हैं।वहीं, 40 दूध के पैकेट मिले। इस पर 16 नवंबर 2015 की मैन्युफेक्चरिंग डेट और 8 फरवरी 2016 की एक्सपायरी डेट लिखी है।इनवेस्टिगेटर्स के मुताबिक, आतंकी 31 दिसंबर को भारत में घुसे थे।
कुछ दिन पहले पाक पीएम के एडवाइजर सरताज अजीज ने अजहर मसूद के प्रोटेक्टिव कस्टडी में होने की बात मानी थी।उन्होंने बताया था, “मामले की जांच को लेकर पाक की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) जल्द भारत जाएगी।अटैक के दौरान इस्तेमाल किया गया एक सिम एक्टिव है, जबकि बाकी एक्टिव नहीं हैं।मोबाइल नंबर के लोकेशन्स जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर में मिले।हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि एफआईआर में मसूद का नाम नहीं है तो उन्होंने कहा कि आप टेलीफोन कॉल्स के बेस पर किसी का नाम अज्यूम नहीं कर सकते।
किसी खास शख्स को बाहरी खतरे या जेल में दूसरे कैदियों की हिंसा से बचाने के लिए प्रोटेक्टिव कस्टडी दी जाती है।पाकिस्तान के होम मिनिस्टर चौधरी निसार अली खान के मुताबिक, “हमारी शुरुआती जांच पूरी हो चुकी है। अगले कुछ दिनों में एसआईटी भारत जाएगी।भारत ने कहा है कि एसआईटी के आने की इन्फॉर्मेशन पांच दिन पहले देनी होगी।मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि हमने कुछ लोगों को अरेस्ट किया है।
पठानकोट आतंकी हमले के डेढ़ महीने बाद पाकिस्तान में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि, इसमें मौलाना मसूद अजहर का नाम नहीं है।हमले के बाद पाकिस्तान में बनी एसआईटी ने सिफारिश में कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद के चीफ और हमले के मास्टरमाइंड अजहर पर भी एफआईआर होनी चाहिए।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) ने अज्ञात लोगों के खिलाफ गुरुवार को एफआईआर दर्ज की।हमले के बाद यह पहला मौका है, जब पाकिस्तान ने ऑफिशियली कोई एक्शन लिया है।एक तरह से उसने यह भी माना है कि पठानकोट हमले को पाकिस्तान से ऑपरेट किया गया था।
पाकिस्तान के एक अखबार ‘द न्यूज’ के मुताबिक, एसआईटी ने अपनी सिफारिश में मसूद अजहर के अलावा चार हमलावरों और दूसरे साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा था।बता दें कि भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने पाकिस्तान के एनएसए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल नसीर खान जंजुआ को पठानकोट हमले में पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ होने के सबूत सौंपे थे।एक डॉक्युमेंट के मुताबिक, एसआईटी ने अब तक तीन बार मीटिंग की है। इसमें भारत से मिली जानकारी की एनालिसिस की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मसूद अजहर से पूछताछ एफआईआर दर्ज होने के बाद ही की जाएगी।इंटरनेशनल प्रेशर के चलते पाकिस्तान सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। इसे भारत द्वारा सौंपे गए सबूतों और आरोपों की जांच करनी थी।इसे 13 जनवरी, 2016 को एक नोटिफिकेशन जारी कर बनाया गया था। इसमें 6 मेंबर हैं। इसकी अगुआई काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट के प्रमुख राय ताहिर कर रहे हैं।कमेटी में टॉप सिविल और मिलिट्री अफसर, खैबर पख्तूनवा आईबी के डायरेक्टर, फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के डायरेक्टर, आईएसआई से ब्रिगेडियर नोमान सईद और मिलिट्री इंटेलिजेंस से ले. कर्नल इरफान मिर्जा हैं।