ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान के लिए 86 करोड़ डॉलर की मदद का प्रस्ताव दिया है. इसमें 26.5 करोड़ डॉलर सैन्य उपकरणों के लिए है.अमेरिका ने कहा है कि यह राशि पाकिस्तान को आतंकियों से लड़ने, परमाणु हथियारों को सुरक्षित करने और भारत के साथ संबंध सुधारने में मदद करेगी.हालांकि राष्ट्रपति बराक ओबामा के बजट प्रस्तावों में पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं था. विदेश मंत्री जॉन कैरी ने अपने प्रस्तावों में कहा कि बजट में पाकिस्तान के साथ संबंध बनाए रखने और ”चरमपंथी संगठनों को तोड़ने, निष्क्रिय करने एवं हराने” की दिशा में आगे बढ़ने के लिए 85.98 करोड़ डॉलर का प्रावधान है.
कैरी ने अपने प्रस्तावों में कहा, ”यह कोष देश के उग्रवाद-विरोधी अभियानों को, स्थिरता को, आर्थिक वृद्धि को और सामाजिक सुधार को सहयोग देगा.विदेश मंत्रालय ने विदेशों में आकस्मिक अभियानों (ओसीओ) कोष के तहत पाकिस्तान को मदद के इस प्रावधान के बारे में कहा, ”पाकिस्तान अमेरिका की आतंकवाद रोधी रणनीति के, अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के, परमाणु अप्रसार प्रयासों और दक्षिणी एवं मध्य एशिया में आर्थिक एकीकरण के केंद्र में है.”
मंत्रालय ने कहा, ”ओसीओ के संसाधन पाकिस्तानी परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को सुगम बनाने और भारत के साथ संबंध सुधारने जैसी महत्वपूर्ण अमेरिकी गतिविधियों को सहयोग देंगे.मंत्रालय ने कहा कि ओसीओ अनुरोध कूटनीतिक मौजूदगी और महत्वपूर्ण सहयोगी कार्यक्रमों का समर्थन करता है ताकि ऊर्जा, आर्थिक वृद्धि, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधारों और सहयोग को आगे बढ़ाया जा सके और हिंसक चरमपंथ का शिकार बने क्षेत्रों में स्थिरता लाई जा सके.
मंत्रालय ने कहा कि इसमें चुनौतीपूर्ण राजनीतिक एवं सुरक्षा स्थितियों के मद्देनजर कूटनीति बरकरार रखते हुए और पहुंच बढ़ाते हुए सरकार और उसके नागरिकों को सहयोग देना शामिल है.