कामदुनी गैंगरेप-मर्डर केस में स्थानीय अदालत ने तीन दोषियों को मौत की सजा सुनाई है जबकि तीन अन्य को आजीवन कारावास दिया है। अदालत ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करने के बाद सजा की घोषणा आज के लिए टाल दिया था।अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश संचिता सरकार ने लड़की से सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में छह लोगों को दोषी ठहराया था।
उन्होंने कहा कि वह दलीलों को समाप्त करने के बाद शनिवार को सजा सुनाना चाहती हैं।दोषियों सैफुल अली और अंसार अली के वकील फिरोज एदुलजी ने अदालत में कहा कि बलात्कार और हत्या के पहले भी ऐसे मामले रहे हैं जिनमें दोषियों को मृत्युदंड के अतिरिक्त अन्य सजा सुनाई गयीं। उन्होंने देश की विभिन्न अदालतों के कुछ फैसलों का उल्लेख किया।
आईपीसी की धाराओं 376 (डी) (सामूहिक दुष्कर्म), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत सैफुल अली, अंसार अली और अमीनुल अली को दोषी ठहराया गया। न्यायाधीश ने अन्य तीन- इमानुल इस्लाम, अमीनुल इस्लाम और भोला नास्कर को आईपीसी की धाराओं 376 (डी) (सामूहिक दुष्कर्म), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 201 (साक्ष्यों को गायब करना) के तहत दोषी पाया।
सैफुल अली, अंसार अली और अमीनुल अली को जिन धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है, उनके तहत अधिकतम मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है, वहीं न्यूनतम संभावित सजा उम्रकैद की है। न्यायाधीश ने कहा था कि अन्य तीन दोषियों को न्यूनतम 20 साल की कैद या अधिकतम उम्रकैद की सजा दी जा सकती है।रफीकुल इस्लाम और नूर अली के खिलाफ सबूत नहीं होने की वजह से उन्हें बरी कर दिया गया।
एक अन्य आरोपी गोपाल नास्कर की पिछले साल अगस्त में मुकदमा चलने के दौरान मृत्यु हो गयी।कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर उत्तर 24-परगना जिले के कामदुनी में सात जून, 2013 को यह घटना घटी जब घर लौट रही 21 वर्षीय कॉलेज छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसकी नृशंस हत्या कर दी गयी। वह परीक्षा देकर लौट रही थी।