चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर पर संयुक्त राष्ट्र न्यायाधिकरण के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि वह उसके फैसले को स्वीकार नहीं सकता। वहीं, एक सरकारी दैनिक में कहा गया कि इलाके में अमेरिकी जहाज और विमान की मौजूदगी बीजिंग की संप्रभुता को चुनौती दे रही है जिससे वहां सैन्यीकरण बढ़ेगा।चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने मीडिया को बताया, ‘चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता चीन के लोगों द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए और दूसरे लोग या संगठन को इसमें हाथ डालने का अधिकार नहीं है।’ वह फिलीपीन द्वारा दर्ज कराए गए मामले में हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में हाल के अदालती सुनवाई संबंधी एक सवाल पर जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का रूख ठोस अंतरराष्ट्रीय वैध आधार पर आधारित है और इसमें बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि फिलीपीन के अनुरोध पर समुद्री कानूनों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के तहत मध्यस्थता न्यायाधिकरण को इस मामले में अधिकार नहीं है। बहरहाल, सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने कहा कि विवादित क्षेत्र में बी-52 बमवर्षक विमानों और जहाजों को भेजने की अमेरिकी कार्रवाई से चीन द्वारा विकसित किये जा रहे कृत्रिम द्वीप पर सैन्यीकरण बढ़ेगा।