50 हजार रुपये अथवा इससे अधिक के होटल बिल और विदेश यात्रा किराये का नकद भुगतान करते हुये स्थायी खाता संख्या (पैन) बताना अनिवार्य कर दिया गया है.सरकार ने घरेलू स्तर पर कालेधन की निगरानी के लिये यह कदम उठाया है. आगामी एक जनवरी 2016 से यह नियम लागू हो जायेगा.दस लाख रुपये की अचल संपत्ति खरीदने पर भी पैन का उल्लेख अनिवार्य कर दिया गया है. यह सस्ते मकान खरीदने वालों के लिये राहत की बात हो सकती है क्योंकि इससे पहले सरकार ने पांच लाख रुपये की खरीद फरोख्त पर ही पैन अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया था.
बिना विलासिता वाले खर्च के मामले में हालांकि, पैन को दो लाख रुपये से अधिक के लेनदेन पर ही पूछा जायेगा. सरकार ने छोटे निवेशकों को इस मामले में राहत देते हुये डाकघर में पचास हजार रुपये से अधिक की जमा पर पैन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है.राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने इन नये नियमों को मंगलवार को जारी करते हुये कहा एक बार में दो लाख रुपये अथवा इससे अधिक के आभूषण और सोना, चांदी खरीदने पर भी पैन का उल्लेख करना होगा. सोना, चांदी और जेवरात खरीद को भी कालेधन का प्रमुख स्रोत माना जाता है. वर्तमान में पांच लाख और इससे अधिक के आभूषण खरीद पर पैन बताने की आवश्यकता थी.
अधिया ने कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक का कैश कार्ड खरीदने अथवा प्री-पेड सुविधा वाला कोई भी साधन खरीदने के लिये नकद भुगतान किये जाने के मामले में भी पैन अनिवार्य होगा. इसके अलावा गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में एक लाख रुपये से अधिक का निवेश करने पर भी पैन का उल्लेख अनिवार्य होगा. अधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना बैंक खाता खोलने के अलावा अन्य सभी बैंक खाते खोलने के मामले में भी पैन अनिवार्य होगा. जिन मामलों में राहत दी गई है उनमें बेसिक लैंडलाइन फोन अथवा सेलफोन कनेक्शन लेने के लिये भी पैन की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा कि दो लाख रुपये से अधिक के नकद और कार्ड से होने वाले लेनदेन में पैन का उल्लेख अनिवार्य किये जाने के बारे में सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी. चालू वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में प्रस्तावित एक लाख रुपये के मुकाबले यह सीमा दोगुनी है.लोकसभा में अनुपूरक अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये जेटली ने कहा, ‘‘कालेधन के बारे में मुद्दा उठाया गया जा रहा है .. बहुत जल्दी हम अधिसूचना जारी करने वाले हैं यदि आप दो लाख से अधिक का नकद लेनदेन करते हैं तो उसमें पैन नंबर जरूरी होगा.’’
अधिया ने कहा कि 50 हजार रुपये अथवा इससे अधिक के होटल बिल और विदेश यात्रा किराये का नकद भुगतान करने के मामले में पैन नंबर जरूरी होगा क्योंकि यह लक्जरी श्रेणी का खर्च है. इनको छोड़कर अन्य सभी तरह के दो लाख रुपये से अधिक के लेनदेन पर पैन की जरूरत होगी.अधिया ने कहा कि दो लाख रुपये के लेनदेन पर पैन का उल्लेख फिलहाल अंतरिम व्यवस्था के तौर पर किया गया है. आखिरी लक्ष्य इसे एक लाख रुपये के लेनदेन पर लाना है.
अधिया ने कहा कि अन्य सभी नियम पहले की तरह ही जारी रहेंगे. पचास हजार रुपये अथवा इससे अधिक का बैंक ड्राफट, पे आर्डर, बैंकर्स चेक लेने अथवा इतनी ही राशि की एक दिन में भुगतान करने अथवा बीमा प्रीमियम चुकाने के मामले में पैन का उल्लेख पहले की भांति करना होगा.उच्चतम न्यायालय द्वारा कालेधन पर गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने एक लाख रुपये से अधिक की सभी तरह की खरीद फरोख्त पर पैन का उल्लेख अनिवार्य किये जाने की सिफारिश की थी.