पेट्रोल-डीजल मंगलवार को 3 से 4 रुपए/लीटर सस्ता हो सकता है। इसकी वजह है क्रूड ऑयल के तेजी से गिरते रेट। बीते 15 दिन में कच्चा तेल 11 फीसदी सस्ता हो चुका है। यह 11 साल पुराने लेवल पर आ चुका है। ऑयल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के रेट का मंगलवार को रिव्यू करेंगी। इसके बाद कंज्यूमर्स को राहत मिलने के आसार हैं।
मोदी सरकार को आए 18 महीने हुए हैं। इस दौरान क्रूड ऑयल 57 फीसदी सस्ता हुआ।लेकिन 18 महीने में सरकार की कमाई पेट्रोल पर 101 पर्सेंट और डीजल पर 200 पर्सेंट बढ़ी।ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि सरकार ने पांच बार पेट्रोल-डीजल पर ड्यूटी बढ़ाई।सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 2014-15 में 74 हजार करोड़ रुपए कमाए।यानी पिछले साल से 50 फीसदी ज्यादा। इस साल एक्साइज से कमाई का टारगेट 1.07 लाख करोड़ रुपए रखा गया है।
पेट्रोल-डीजल के रेट का अगला रिव्यू 15 दिसंबर को होना है।अब सरकार एक्साइज ड्यूटी नहीं बढ़ाए तो कंज्यूमर्स को राहत मिलेगी।पेट्रोलियम और गैस मंत्रालय के मुताबिक, 26 नवंबर को भारतीय बास्केट में कच्चे तेल का एवरेज रेट 41.17 डॉलर/बैरल था।बीते गुरुवार यह घटकर 36.65 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।दिसंबर 2004 में भी क्रूड इसी लेवल पर था।यानी कच्चा तेल 11 साल पुराने लेवल पर आ चुका है।
पेट्रोल-डीजल दो ही वजह से सस्ता या महंगा होता है।पहला- क्रूड ऑयल के रेट से और दूसरा डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत या कमजोर होने से। फिलहाल दोनों वजहें मौजूद हैं।ऑयल कंपनियां इम्पोर्ट बिल बढ़ने का बहाना भी नहीं बना सकतीं, क्योंकि पिछले डेढ़ साल में क्रूड 57 फीसदी सस्ता हो चुका है।कंपनियों को एक बैरल तेल मंगाने के लिए पहले 6331 रुपए देने पड़ते थे, लेकिन अब सिर्फ 2726 रुपए ही चुकाने पड़ रहे हैं।