चीन ने 2020 तक अपनी आर्मी को मॉर्डनाइज करने का एलान किया है। गुरुवार को चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ की सभी ब्रांच को और भी ज्यादा ताकतवर बनाने की बात की। साथ ही जंग के लिए हमेशा तैयार रखने का ऑर्डर दिए। चीन के इस एलान से भारत की चिंता बढ़ सकती है। क्योंकि इंडियन आर्मी आज भी गोला-बारूद और डिफेंस बजट की कमी से जूझ रही है। वहीं, पड़ोसी देश खुद को मजबूत करने में जुटा है। बता दें कि चीनी आर्मी वर्ल्ड की सबसे बड़ी आर्मी है। इसके सैनिकों की संख्या भारत के सैनिकों से करीब दोगुनी है।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जिनपिंग ने कहा कि चीनी आर्मी की सभी ब्रांचेज को रिस्ट्रक्चर करने के लिए एक ज्वाइंट ऑपरेशनल मिलिट्री कमांड बनाया जाएगा।2020 तक चीन को एलाइट कॉम्बेट फोर्स तैयार करनी है।इसमें चीन के चार स्ट्रैटेजिक जोन्स में मौजूद सात मिलिट्री रीजन की रिग्रुपिंग भी की जाएगी।रिपोर्ट के मुताबिक, चीन स्पष्ट रूप से अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को सोवियत यूनियन स्टाइल में तेजी से मॉर्डन करना चाहता है।
चीनी सरकार मान चुकी है कि उसकी अफ्रीकी देश जिबूती से ओवरसीज लॉजिस्टिक फैसिलिटी को लेकर बात चल रही है।इससे चीन अदन की खाड़ी में समुद्री लुटेरों के खिलाफ पेट्रोलिंग कर सके।अगर यह डील होती है तो हिंद महासागर क्षेत्र में चीन पहली बार मिलिट्री बेस बना लेगा और इससे भारतीय मिशन को खतरा पैदा हो सकता है।
कारगिल के बाद इंडियन आर्मी के लिए भी उठी थी ऐसे ही मॉर्डनाइजेशन की मांगभारत ने भी 1999 की कारगिल जंग के बाद आर्मी को मॉर्डनाइज करने की सिफारिश की थी।2001 में लालकृष्ण आडवाणी की अगुआई में मिनिस्टर्स की कमेटी ने नेशनल सिक्युरिटी सिस्टम रिफॉर्म की बात कही थी।इनमें से कुछ सिफारिशों को लागू किया गया।हालांकि, तीनों सेनाओं के चीफ के ऊपर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) पोस्ट क्रिएट करने के बड़े रिफॉर्म को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।