लड्डू से लेकर काजू कतली या फिर घरों में बनने वाली गुझिया पर लगने वाला चांदी का वर्क उसे दिखने में जितना सुंदर बनाता है, उसमें मिलावट सेहत के लिए मिठाई को उतना ही कड़वा कर देते हैं। खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अधिकारी बताते हैं कि जब से चांदी के दाम ने कुलांचे भरे हैं, तब से मुनाफाखोरों ने इसमें मिलावट की बढ़ा दी है।क्या होती है मिलावट-चांदी में एल्यूमीनियम मिलाकर वर्क तैयार कर देते हैं। चमक एकदम चांदीवर्क जैसी होती है। चांदी वर्क लगी मिठाइयां आदि खाने वालों को स्वाद में भी फर्क नहीं नजर आता। इसलिए आसानी से पहचान थोड़ा मुश्किल हो जाती है।
कैसे करें पहचान-चांदीवर्क में असली, नकली की पहचान बेहद आसान है। चांदी वर्क को आग में जलाने पर वह उतने स्थान में जलकर गोल सा आकार ले लेगा। वहीं, मिलावटी चांदी वर्क जलने के बाद गहरे ग्रे रंग का रूप ले लेगा।क्या है नुकसान-मिलावटी चांदी वर्क से पेट संबंधी बीमारी होने का खतरा रहता है। यह लिवर को भी नुकसान पहुंचाता है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार लोग शिकायत ही नहीं करते। इससे मुनाफाखोर चांदी काटते रहते हैं। आयुक्त का कहना है कि विभाग को जब भी शिकायत मिलती है, उसका नमूना लेकर तत्काल कार्रवाई की जाती है। इसलिए ग्राहक को सचेत होने की जरूरत है।
डॉ. पीके गुप्ता फिजीशियन-लाइफ केयर अस्पताल-खाद्य पदार्थों में मिलावट कई बीमारियों को जन्म देता है। चांदी वर्क में मिलावट से पेट संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।