बदलते मौसम के साथ ही मौसमी बीमारियां भी अपना असर दिखाना शुरू कर देती हैं। गले में खराश, सिरदर्द, सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों की चपेट में लोग आने लगते हैं।जीवा आयुर्वेद के निदेशक और आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रताप चौहान कहते हैं कि मौसम के बदलाव के हिसाब से हमारा शरीर वातावरण में हो रहे बदलाव को झेल नहीं पाता है और हम मौसमी रोगों के शीघ्र शिकार हो जाते है। ऐसे में जरूरी है एहतियात। इसके लिए आयुर्वेद में कई ऐसे घरेलू उपाय बताए गए हैं, जिनका नियमित रूप से इस्तेमाल करके आप मौसम के असर को कम कर सकती हैं।
गले में खराश हो और नाक सर्दी की वजह से बंद। एक गिलास गर्म पानी में चुटकी भर नमक डालकर गरारा करें। इससे आपका गला साफ होगा और यह वायरस को दुबारा आपके शरीर में प्रवेश करने से रोकेगा। सर्दी-जुकाम से परेशान हों, तो सुबह-शाम शहद के साथ अदरक चबाकर खाएं।इन दिनों यदि दूध में हल्दी डालकर पिएं, तो इससे कफ और जुकाम में राहत मिलती है।अदरक, तुलसी और काली मिर्च वाली एक कप गर्म चाय भी सर्दी से राहत पाने का असरदार घरेलू उपाय है।
जुकाम हो, तो हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें। इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा और तुंरत जुकाम से आराम मिलेगा।सूप में लहसुन की कलियों को उबालकर पिएं। सर्दी-जुकाम में शीघ्र ही लाभ मिलता है।सर्दी-जुकाम में तुलसी पत्ता बहुत कारगर है। आप चाहें तो तुलसी के पत्तों को चबाकर खाएं या फिर पानी काढ़ा बना कर पिएं, दोनों ही तरीके से फायदेमंद है।
तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाने के लिए एक गिलास पानी में 8-10 तुलसी के पत्ते, 4 काली मिर्च के दाने, एक छोटा टुकड़ा दालचीनी, थोड़ा-सा अदरक, गुड़ मिलाकर इसे तब तक धीमी आंच पर पकाएं, जब तक की पानी आधा गिलास न रह जाए। इसका सेवन आपको सर्दी की समस्या में आराम दिलाता है और मौसम जनित अन्य समस्याओं से भी दूर रखता है।