भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 के कारगिल युद्ध को याद करते हुए पाक के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने रविवार को अपनी पीठ ठोंकी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने उस वक्त भारत को मुसीबत में डाल दिया था और इसे भारत कभी नहीं भूल सकता।उन्होंने कहा कि वहां एक दूसरी पंक्ति का बल भी था,
जिसने भारत को मुसीबत में डाल दिया था बाद में उसे सेना का दर्जा दे दिया गया। जियो न्यूज की खबर के मुताबिक, मुशर्रफ ने राजनीतिक पार्टी ‘ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग’ के एक कार्यक्रम में कहा कि हम लोग चार जगहों से कारगिल में घुसे थे, जिसके बारे में भारत को जानकारी नहीं थी।
उन्होंने याद दिलाया कि मई 1999 का कारगिल युद्ध भारत व पाक के बीच 1971 के बाद की सबसे भीषण युद्ध था; यह जंग जम्मू कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में हुई थी। बसंत में कारगिल क्षेत्र में जैसे ही बर्फ पिघली करीब, 1000 से ज्यादा संख्या में घुसपैठिये गुलाम कश्मीर से नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र के कश्मीर वाले हिस्से में पहुंच गए।
घुसपैठियों ने 14000 फीट की ऊंचाई पर ठिकाना बना लिया, जहां से लेह और लद्दाख को श्रीनगर से जोड़ने वाली सड़क पर नजर रखी जा सकती थी। कार्यक्रम के दौरान मुशर्रफ ने घोषणा की कि उनकी पार्टी देशभर में आगामी स्थानीय निकाय के चुनावों में भाग लेगी।