म्यांमाार के रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय से जुड़े 500 सदस्यों से भरी 2 नाव पश्चिमी इंडोनेशिया के समुद्र तट पर पहुंच गई है। इन लोगों को लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था। प्रताड़ना से तंग आकर यह लोग म्यांमार छोड़कर एजेंट के माध्यम से अवैध तरीके से भागे थे। गौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार में दशकों से राज्य की ओर से थोपे भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। अब इस ग्रुप को उत्तरी ऐक जिले के डिटेंशन सेंटर में ले जाया जा रहा है, जहां इनसे पूछताछ की जाएगी।
जर्काता में इंटरनैशनल आर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन में डिप्टी चीफ स्टीव स्टीव हेमिल्टन ने कहा कि पुरुष, महिलाएं और बच्चे 2 अलग-अलग नावों पर सवार थे। एक नाव में 430 लोग सवार थे, जबकि दूसरी नाव में 70 लोग थे। मलय बोलने में सक्षम प्रवासी ने बताया कि जिस एजेंट ने उन्हें अवैध रूप से भागने में मदद की थी, उसने बताया कि वह मलयेशिया में है और वह तैरकर जा सकते हैं। कुछ लोग तैरकर गए भी, लेकिन उन्होंने मछुआरों से पूछने पर पाया कि वह इंडोनेशिया में हैं। प्रवासी के अनुसार म्यांमार में मुसलमानों पर आए दिन होने वाले अत्याचार से बचने के लिए पिछले हफ्ते करीब 5 नाव में सवार होकर सैकड़ों लोगों ने म्यांमार छोड़ा था। प्रवासी ने बताया कि म्यांमार में मुसलमानों को पीटा जाता है और उन पर गर्म पानी डाला जाता है। वह जल्द से जल्द म्यांमार छोड़कर किसी अन्य देश में शरण लेना चाहते हैं।
रविवार को 500 लोगों से भरी यह नाव पश्चिमी इंडोनेशिया के ऐक प्रांत में पहुंची। इस नाव पर कुछ महिलाएं और बच्चे सवार थे, जिन्हें मेडिकल हेल्प की जरूरत है। इन लोगों के पास न तो खाना है, न ही पानी है। नाव में सवार कुछ लोगों को मेडिकल हेल्प की जरूरत थी। राहत और बचाव दल ने 469 प्रवासियों को सुरक्षित निकाला है। इनमें म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी शामिल है।