हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ में हुए 113 करोड़ रुपए के घोटाले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं। जेकेसीए में जिस वक्त ये घोटाले हुए उस वक्त संघ के अध्यक्ष प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अबदुल्ला थे। इस जांच के आदेश के बाद फारूख की मुसीबत बढ़ गई है। इस मामले में फारूख अबदुल्ला समेत कई अन्य को भी अभियुक्त बनाया गया है। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने संघ को एक उधार देने वाली एजेंसी के तौर पर इस्तेमाल किया साथ ही यहां से कई फर्जी खाते भी चलाए जाते थे।
इस घोटाले का खुलासा वर्ष 2012 में उस वक्त हुआ जब संघ के चेयरमैन मो. असलाम गोनी ने एक करोड़ 90 लाख रुपए के गबन का आरोप संघ के महासचिव सलीम खान और कोषाध्यक्ष अहसान मिर्जा पर लगाया था। इस रकम को ऐसे खाते में ट्रांसफर किया गया था जिसका संबंध जेकेसीए से नहीं था।
हालांकि जिस बैंक में ये पैसे ट्रांसफर किए गए उस बैंक का कहना है कि इन पैसों को खाते से तब छोड़ा गया जब बैंक के पास जेकेसीए के तत्कालीन अध्यक्ष फारूख अबदुल्ला का हस्ताक्षर किया हुआ प्राधिकार पत्र उन्हें दिखाया गया। बैंक के मुताबिक 27 जून 2008 को उन्हें ये पत्र हासिल हुआ था। दूसरी ओर फारूख अबदुल्ला ने अपने उपर लगे आरोपों को गलत बताते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है।