दिल्ली नगर निगम ने अपने न्यायाधिकार क्षेत्र में आने वाले लोगों से अपने-अपने पालतू जानवरों का पंजीकरण कराने को कहा और ऐसा नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।नगर निकाय ने यह कदम शहर और आसपास के इलाकों में कुत्तों के लोगों को काटने की बढ़ती घटनाओं के बीच उठाया है।
एमसीडी के पशु चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के तहत पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है, लेकिन लोग अपने जानवरों का पंजीकरण कराने के प्रति अनिच्छुक हैं।नगर निकाय ने एक बयान जारी कर कहा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर एमसीडी नागरिकों से अपने कुत्तों का पंजीकरण का आह्वान करता है।
जो दिल्ली नगर निगम अधिनियम-1957 की धारा-399 के तहत अनिवार्य है। यह धारा उन पालतू कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों पर पाए जाने पर हिरासत में लेने का अधिकार देती है, जो नगर निगम में पंजीकृत नहीं हैं। बयान के अनुसार पालतू जानवर के मालिक पर जुर्माना लगाने और यहां तक कि मुकदमा चलाने का भी प्रावधान है।
बयान में कहा गया है कि हम नागरिकों से अपील करते हैं कि वे अपने पालतू कुत्तों को जल्द से जल्द पंजीकृत कराएं, अन्यथा डीएमसी अधिनियम के अनुसार उचित कार्रवाई की जा सकती है। यह नियम उन लोगों पर भी लागू होता है जिन्होंने आवारा कुत्तों को पालतू के रूप में अपनाया है।
पालतू जानवरों के मालिकों की सुविधा के लिए, एमसीडी कुत्ते के पंजीकरण के लिए सुविधाजनक और परेशानी मुक्त ऑनलाइन सुविधा प्रदान कर रहा है। एमसीडी ने कहा कि जिन दस्तावेजों को जमा करने की आवश्यकता है उनमें एंटी-रेबीज टीकाकरण प्रमाण पत्र, जानवर की एक तस्वीर, निवास प्रमाण और मालिक का पहचान प्रमाण शामिल है।