जावेडकर ने कांग्रेस पर साधा निशाना

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जावेडकर ने शुक्रवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैंने कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफे की मांग की, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। उनके मुताबिक, कांग्रेस की प्रकृति में लोकतंत्र नहीं है, यह सिर्फ एक परिवार की पार्टी है। 44 लोग देश की तरक्की नहीं रोक पाएंगे। अवरोध में धुले मानसून सत्र में कामकाज न होने के लिए सरकार और भाजपा ने बृहस्पतिवार को सोनिया और राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया था। इस अवरोध की राजनीति की तुलना आपातकाल से करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस हार और एक परिवार के हाथ से निकली सत्ता को अभी भी नहीं पचा पाई है।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वरना ऐसा नहीं होता कि प्रमुख दल का शीर्ष नेतृत्व (सोनिया) सदन के वेल में आने जैसी निम्न हरकत करता। बिना किसी कारण के सदन और देश की राह मे खड़े होते। अब राजग इकट्ठा होकर कांग्रेस व वाम दलों के सांसदों के क्षेत्र में जाकर यह बताएगा कि राजनीति की खातिर विपक्ष ने विकास की गति कुंद कर दी। राजग दलों की बैठक में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया कि राजग इकट्ठा होकर कांग्र्रेस और वाम दलों के 53 सांसदों के क्षेत्रों में जाकर जनसभा करेगा और बताएगा कि विपक्ष के अवरोध के कारण कितने अहम काम रुके या टल गए।

मानसून सत्र में विपक्षी विरोध के चलते कोई बड़ा विधेयक पारित नहीं हो पाया। ऐसे में अनिश्चितकाल के लिए सदन स्थगित होने के बाद राजग की बैठक में प्रधानमंत्री सीधे कांग्रेस के पहले परिवार पर बरसे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक परिवार को बचाना चाहती है जबकि भाजपा देश को बचाना चाहती है। वह यह नहीं पचा पा रहे हैैं कि सत्ता परिवार के हाथ से निकल गई, यह आपातकाल की मानसिकता है। बाद में जेटली ने मीडिया से कहा कि आपातकाल इसलिए लगाया गया था, ताकि सत्ता गांधी परिवार में रहे। कांग्रेस में अभी भी वही हो रहा है।

दस साल तक प्रधानमंत्री कोई और था तो भी सत्ता परिवार के पास थी। जनता ने उसे नकारा तो बौखलाहट सदन के अंदर दिख रही है। जेटली ने सदन के अंदर सोनिया के आचरण व प्रदर्शन पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह पहले कभी नहीं हुआ था कि कोई शीर्ष नेतृत्व वेल में आए। जबकि राहुल का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें संसद के अंदर भाषण और बाहर लगाए जाने वालों नारे में फर्क पता नहीं है। ‘जब वरिष्ठता थोपी जाती है तो व्यक्ति में परिपक्वता जरूरी आती है…लेकिन कुछ लोग उम्र के साथ अपरिपक्व हो रहे हैैं।

वह नहीं जानते कि आक्रामक मुद्रा से तथ्य नहीं आते। जेटली ने कहा कि यूपीए शासनकाल में कांग्र्रेस नेताओं के खिलाफ सीएजी, सुप्रीम कोर्ट जैसे संस्थानों की ओर से आरोप लगे थे। बाद में वह सच भी साबित हुए। जबकि कांग्र्रेस बिना किसी तथ्य के न सिर्फ सदन बल्कि देश की गति को रोक रही है। 

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