राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड्गे और उपनेता आंनद शर्मा के बीच हुआ आपसी विवाद

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड्गे और उपनेता आंनद शर्मा के बीच सदन में बहस को लेकर बुधवार को आपसी विवाद हो गया।
दरअसल राज्यसभा में आनंद शर्मा भी कांग्रेस पार्टी की ओर से चर्चा में हिस्सा लेना चाहते थे लेकिन अभिभाषण पर चर्चा के लिए कांग्रेस के आधा दर्जन नेताओं के लिए केवल 109 मिनट का समय ही मिला था।

इस बीच विपक्ष के नेता खड्गे ने चर्चा करते हुए अकेली ही एक घंटा का समय ले लिया। इस पर आंनद शर्मा नाराज हो गए और उन्होंने अभिभाषण पर बोलने से ही इंकार कर दिया। हालांकि पार्टी के अन्य नेताओं की ओर से उन्हें मनाने की भी कोशिश की गई। इस बीच सूत्रों के अनुसार पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश इसे जी-23 से जोड़कर देख रहे हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस का जी-23 ग्रुप, पार्टी उन असंतुष्ट सदस्यों का गुट है जो समय-समय पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। खासतौर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति। पिछले साल अगस्त में 23 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी।

इस गुट में आंनद शर्मा भी शामिल हैं। इस गुट में इस बात को लेकर नाराजगी है कि उन्हें पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल नहीं किया जाता है। बुधवार को हुई घटना भी जी-23 गुट के लिए नाराजगी का एक नया सबब बन सकती है।हालांकि आनंद शर्मा को पार्टी सम्मान और प्राथमिकता से नवाज रही है और आनंद शर्मा का रुख भी समान्य होने लगा था।

वहीं दूसरी ओर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर रोजगार को लेकर कड़े सवाल किए। उन्होंने कहा कि सरदार भी तुम्हारा है, लश्कर भी तुम्हारा है, तुम झूठ को सच लिख दो अखबार भी तुम्हारा है, इस दौर के फरियादी जाएं तो जाएं कहां? सरकार भी तुम्हारी है, दरबार भी तुम्हारे हैं।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद ज्यादातर अभिनंदन होता है, लेकिन यहां पर चुनावी भाषण ज्यादा सुनाई दिया। खड़गे ने केंद्र से पूछा कि 2014 में आपने हर साल 2 करोड़ नौकरी का वादा किया, फिर भी देश में इतनी बेरोजगारी क्यों है? अब तक तो आप 15 करोड़ नौकरियां दे देते, लेकिन दी कितनी? बजट में कहा गया कि अगले 5 साल में 60 लाख नौकरियां देंगे.. क्यों युवाओं को ऐसे गुमराह किया गया? देश में 9 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियों में पद खाली हैं।

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