हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसानों का आंदोलन दिन-ब-दिन हिंसक होता जा रहा है। विज ने एक ट्वीट में कहा महात्मा गांधी के देश में हिंसक आंदोलन की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसानों के नेताओं को आंदोलन के दौरान धैर्य रखना चाहिए।
केंद्र ने कहा धान की खरीद में देरी किसानों और उपभोक्ताओं के समग्र हित के साथ-साथ बेमौसम बारिश, धान के अनाज के नहीं पकने के कारण भी है। धान की खरीद 1 अक्टूबर को पंजाब और हरियाणा में 11 अक्टूबर तक शुरू होनी थी।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2021 के दौरान पंजाब और हरियाणा में बारिश सामान्य से क्रमश: 77 प्रतिशत और 139 प्रतिशत अधिक है।
पंजाब और हरियाणा में खरीद में देरी को लेकर व्यापक विरोध और आक्रोश देखा गया।एक दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे धान की खरीद को 10 दिनों के लिए स्थगित करने के फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया।
विरोध स्वरूप शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के अध्यक्ष सुखबीर बादल धान से भरी ट्राली के साथ खाद्यान्न की नमी की जांच कराने के लिए यहां भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के मुख्य कार्यालय पहुंचे।मीडिया से बात करते हुए बादल ने कहा कि धान खरीद में स्थगन राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए कयामत का कारण बनेगा।
उन्होंने कहा किसानों ने पहले से योजना बनाई थी और पिछले कुछ दिनों से अपनी फसल की कटाई शुरू कर दी। राज्य में धान भी ‘मंडियों’ में पहुंच गया है। खरीद स्थगित करने से न केवल किसानों को परेशान किया जाएगा, बल्कि खराब होने की स्थिति में धान की फसल को भी खतरा होगा।