कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 80वां दिन है। गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं लेकिन जारी गतिरोध का फिलहाल कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है।
इस बीच आंदोलनकारी किसानों ने एकबार फिर से अपने आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है। किसानों का 14 फरवरी को कैंडल मार्च और मशाल जुलूस निकालने का कार्यक्रम है। वहं 18 फरवरी को देशभर में रेल रोको अभियान का ऐलान किया है।
किसानों ने ऐलान किया है कि 18 फरवरी को 4 घंटे तक पूरे देश में रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। इन सबके बीच किसानों के आंदोलन के समर्थन में आज आगरा में महापंचायत है। इस महापंचायत को आरएलडी नेता जयंत चौधरी भी संबोधित करेंगे।
महापंचायत का कार्यक्रम चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज में होगा। किसान नेताओं का कहना है कि उन्हें कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। किसान संगठनों का कहना है कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक के लिए निलंबित रखने का सरकार का मौजूदा प्रस्ताव उन्हें स्वीकार नहीं है।
किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 2 अक्टूबर तक सरकार हर हाल में कृषि कानूनों को वापस ले ले। वहीं सरकार का कहना है कि वो इसमें संशोधन के तैयार है लेकिन कृषि कानून वापस नहीं होगा।
आपको बता दें कि इन कानूनों को लेकर किसानों की सरकार के बीच अबतक 11 दौर की वार्ता हो चुकी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलकर पाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक स्थगित करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और इन कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हैं।