पंजाब-हरियाणा में किसानों संगठनों ने रोकी सड़कें

किसान यूनियनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के दौरान पंजाब और हरियाणा में नए केन्द्रीय कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कई जगह सड़कें अवरुद्ध कर दीं।संयुक्त किसान मोर्चा सहित अन्य किसान संगठनों द्वारा राष्ट्रव्यापी तीन घंटे के लिए चक्का जाम किया जाना है।

ऐसे में दिल्ली पुलिस इस दौरान होने वाली किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए पूरी तरह से तैयार है, जिसमें फ्लैश मॉब और प्रोटेस्ट कॉल ऑन सोशल मीडिया जैसी कई चीजें शामिल हैं।किसान यूनियनों द्वारा शनिवार को आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के दौरान पंजाब और हरियाणा में नए केन्द्रीय कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कई जगह सड़कें अवरुद्ध कर दीं।

किसान यूनियनों ने घोषणा की थी प्रदर्शन स्थलों के आसपास के इलाकों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किये जाने और अन्य मुद्दों को लेकर वह छह फरवरी दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक देशव्यापी चक्का जाम के दौरान विरोधस्वरूप राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्ग अवरुद्ध करेंगे।

अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा बढा दी है और यातायात का मार्ग बदलने के लिये सभी प्रबंध कर लिये हैं।भारती किसान यूनियन (एकता उग्रहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरिकलां ने कहा कि वे पंजाब के संगरूर, बरनाला और बंठिंडा समेत 15 जिलों के 33 स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर रहे हैं।

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहीं किसान यूनियनों के समर्थन में किसानों ने राजस्थान में शनिवार को अनेक जगह ‘चक्का जाम‘ किया। राज्य के गंगानगर, हनुमानगढ, धौलपुर व झालावाड़ सहित अनेक जगह पर किसानों द्वारा चक्काजाम के समाचार हैं जहां किसान मुख्य सड़कों या राजमागरें पर धरने पर बैठे हैं।

दरअसल गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद से पुलिस प्रशासन किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहता, यही कारण है कि पुलिस किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार खड़ी हई है।पुलिस बार-बार ड्रोन से बॉर्डर पर निगाह बनाए हुई है। पुलिस के आला अधिकारी भी बॉर्डर पर पहुंच स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

बीते 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद से सभी बॉर्डरों पर पुलिस द्वारा सख्ती बढ़ा दी गई है। उधर, लाल किले पर भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए है। हालांकि चक्का जाम को लेकर मोर्चा की तरफ से कुछ बातें साफ की गई हैं। “जिसमें पहला की दिल्ली की सीमा के अंदर कोई चक्का जाम प्रोग्राम नहीं होगा।

दूसरी ओर किसान हर दिन की तरह बॉर्डर पर सामान्य रूप से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसी तरह की कोई गतिविधि न तो किसान नेताओं की तरफ से की जा रही है और न ही प्रदर्शन में शामिल होने आए अन्य किसानों की तरफ से।

बॉर्डर पर बैठे किसानों की तरफ से तैनात किए गए वालंटियर सुबह से ही स्थिति बनाए रखने में लोगों की मदद कर रहै हैं। इन सभी लोगों ने पुलिस की बैरिकेड से 100 मीटर पहले अपनी बैरिकेड लगा रखी है, ताकि किसी सामान्य व्यक्ति को आगे न बढ़ने दिया जाए।

शहर में पुलिस बल फ्लैश मॉब की किसी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। पुलिस द्वारा सोशल मीडिया हैंडल्स और हैशटैग्स पर भी नजर रखा जा रहा है ताकि फ्लैश मॉब की तरह आकस्मिक भीड़ जमा होने की किसी भी घटना से निपटा जा सके। गणतंत्र दिवस के बाद यह दूसरी दफा है, जब पुलिस की पूरी टीम एक साथ मिलकर चौकसी बनाए रखने के अपने काम में जुटी हुई है।

दिल्ली पुलिस पीआरओ चिन्मय बिस्वाल ने कहा हमें पता चला है कि राजधानी में चक्का जाम करने की किसानों की कोई योजना नहीं है, लेकिन 26 जनवरी से पहले हुए समझौते की धज्जियां उड़ाए जाने के मद्देनजर हम कोई कसर नहीं छोड़ा चाहते हैं और इसी के चलते सीमावर्ती क्षेत्रों पर खासतौर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

रणनीतिक स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस सीमावर्ती राज्यों और सिंधु, टीकरी और गाजीपुर सीमाओं के करीब विरोध स्थलों पर विरोध प्रदर्शनों पर नजर रख रही है।मल्टी लेयर बैरिकेडिंग और कंटीले तारों की बाड़ लगाने के बीच इन क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।

दिल्ली पुलिस, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे सीमावर्ती राज्यों की पुलिस के साथ भी संपर्क में है और राज्य पुलिस के साथ मिलकर खुफिया सूचनाओं का भी आदान-प्रदान कर रही है।दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि 26 जनवरी को हुईं हिंसा के मद्दनेजर दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए हैं ताकि उपद्रवी दिल्ली में न घुस पाएं।

पुलिस ने बताया कि उसने चक्का जाम के कारण पैदा हो सकने वाले हर प्रकार के हालात से निपटने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं।      बिस्वाल ने कहा हम सोशल मीडिया संबंधी सामग्री पर नजर रख रहे हैं ताकि पुलिस के खिलाफ अफवाह न फैलाई जा सके। हम अन्य राज्यों के पुलिस बलों के संपर्क में भी हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चक्का जाम के दौरान कानून व्यवस्था में खलल डालने या सामान्य जनजीवन को प्रभावित करने वाली किसी भी तरह की स्थिति उत्पन्न होने से रोकने के उद्देश्य से समूचे बाहरी-उत्तरी दिल्ली जिले में पर्याप्त बल तैनात किए जा रहे हैं।

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