कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर चीन पर हमला किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि कोरोना से जुड़ी जानकारियां छिपाने की वजह से दुनिया को बेहिसाब दर्द मिला है और अब चीन को इसकी कीमत चुकानी होगी.
विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका दूसरे देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उन्हें यह समझा रहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान से हुई है. लेकिन वायरस कहां से आया यह समझाने की जिम्मेदारी चीन की है.
उन्होंने बेन शापिरो शो में शुक्रवार को कहा कि चीन को दिसंबर 2019 से वायरस के बारे में पता था.पोम्पियो ने कहा हमें अमेरिका में हुई मौतों और यहां जिस तरह के आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है उसके लिए जिम्मेदार पक्षों की जवाबदेही तय करनी होगी.
वैश्विक आर्थिक व्यवस्था बर्बाद हो गई हैं. उन्होंने कहा कूटनीतिक तौर पर हम दुनियाभर के देशों से बात कर रहे हैं, सही कदम उठाने में, अर्थव्यवस्थाओं को फिर से खोलने में और यह सुनिश्चित करने में मदद कर रहे हैं कि सही समय आने पर अंतरराष्ट्रीय यात्राएं शुरू की जा सकें ताकि वैश्विक व्यापार शुरू हो सके.
पोम्पियो ने कहा हम उन देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि उन्हें समझा सकें इस वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान में हुई और चीन की सरकार को इसके बारे में दिसंबर 2019 में निश्चित ही जानकारी थी.
और एक राष्ट्र के रूप में वे अपने बुनियादी कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे. यही नहीं, वे विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का पालन करने में भी विफल रहे और उसके बाद इस सब को छिपाने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया.उन्होंने आरोप लगाया कि विश्व की इस महामारी से रक्षा करने के अपने मिशन में विश्व स्वास्थ्य संगठन भी असफल रहा है.
इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने एनपीआर को दिए साक्षात्कार में कहा वायरस कहां से आया यह बताने की जिम्मेदारी चीन की है. लेकिन वुहान में एक प्रयोगशाला है, जहां इस तरह के वायरस पर काम होता है. हम यह जानना चाहते हैं कि क्या यह वहां से निकला, शायद दुर्घटनावश ही.