केंद्र सरकार ने वित्तवर्ष 2021-22 के लिए समय सीमा समाप्त होने से पहले 8,300 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया ने सितंबर में समय सीमा से पहले देश के सभी जिलों को कवर करने वाले 8,300 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का लक्ष्य पूरा कर लिया है।
देशभर में अब तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 8,355 हो गई है।सभी आउटलेट्स पर दवाओं का वास्तविक समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी आईटी-सक्षम रसद और आपूर्ति-श्रृंखला प्रणाली भी शुरू की गई है। ये स्टोर देश के हर हिस्से में लोगों को सस्ती दवा की आसान पहुंच सुनिश्चित करेंगे।
केंद्र ने मार्च 2024 तक आम आदमी को सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है।इस योजना में वर्तमान में 1,451 दवाएं और 240 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं।
इसके अलावा नई दवाएं और न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद जैसे ग्लूकोमीटर, प्रोटीन पाउडर, माल्ट आधारित खाद्य पूरक, प्रोटीन बार, इम्युनिटी बार आदि भी पेश किए गए हैं।पीएमबीजेपी जनऔषधि सुगम के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन जनता को अपनी उंगलियों की नोक पर एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ सुविधा प्रदान करता है।
योजना के तहत उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन – गुड मैन्युफैक्च रिंग प्रैक्टिस प्रमाणित आपूर्तिकर्ताओं से दवाएं खरीदी जाती हैं।केंद्रों पर भेजने से पहले सभी दवाओं का परीक्षण नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में किया जाता है। पीएमबीजेपी के तहत उपलब्ध दवाओं की कीमत ब्रांडेड कीमतों की तुलना में 50 से 90 फीसदी कम है।