संजय सिंह ने कांग्रेस और राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया। संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह अमेठी से भाजपा की विधायक हैं। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह बुधवार को भाजपा में शामिल होंगे।
राज्यसभा सभापति एम.वेंकैया नायडू ने संजय सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।संजय सिंह ने इस बार का लोकसभा चुनाव सुल्तानपुर से लड़ा था, जहां उन्हें मेनका गांधी ने हराया था। संजय सिंह को बाद में कांग्रेस ने असम से राज्यसभा सांसद बनाया था।
1980 में जब नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ने अमेठी से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो संजय सिंह ने संजय गांधी को अपना समर्थन दिया था।संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह अमेठी से भाजपा विधायक हैं।
संजय सिंह पहले भी एक बार कांग्रेस का दामन छोड़ चुके हैं। हालांकि, इस बार उन्होंने कहा- बहुत सोच-विचार कर फैसला किया है। कांग्रेस में 15-20 सालों से संवादहीनता की स्थिति बनी हुई है।
डॉ. संजय सिंह 1980 के दशक में दो बार विधानसभा सदस्य रहे। 1988 में कांग्रेस छोड़ जनता दल में चले गए। 1989 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव हार गए। बाद में जनता दल ने उन्हें राज्यसभा भेजा।
1998 भाजपा के टिकट पर अमेठी से लोकसभा चुनाव जीता। अमेठी में ये भाजपा की पहली जीत थी।1999 में भी सिंह भाजपा के टिकट पर अमेठी से मैदान में थे। इस बार उन्हें सोनिया गांधी ने करीब तीन लाख मतों से पराजित कर दिया था।
इसके बाद सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए। 2009 में कांग्रेस ने उन्हें सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उन्होंने बसपा के मोहम्मद ताहिर को करीब 98 हजार मतों से पराजित किया।
कांग्रेस को 25 साल बाद सुल्तानपुर में जीत दिलाई। 2014 में कांग्रेस ने संजय सिंह को असम से राज्यसभा भेज दिया। उनका कार्यकाल अप्रैल 2020 में पूरा होना था।