पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राज्यसभा में जाने के लिए आज राजस्थान से नामांकन करेंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर 26 अगस्त को उपचुनाव हैं।
संख्याबल को लेकर कांग्रेस पूरी तरह आश्वस्त है और इस लिहाज से मनमोहन का चुना जाना भी तय माना जा रहा है। फिर भी कोई चूक न होने पाए, इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद मोर्चा संभाल रखा है।
मनमोहन का 14 जून को राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल खत्म हुआ था। वे असम से राज्यसभा के सांसद थे।पार्टी के विधायकों काे एकजुट रखने के साथ ही वे निर्दलीय और बसपा विधायकों से भी संपर्क बनाए हुए हैं।
गहलोत ने प्रदेश के सभी कांग्रेसी विधायकों को निर्देश दिए हैं कि सिंह के नामांकन के दाैरान सभी विधायक जयपुर में रहें। नामांकन की अंतिम तिथि 14 अगस्त है। उधर, भाजपा ने प्रदेश पार्टी कार्यालय में विधायक दल की बैठक बुलाई है।
इसमें तय होगा कि भाजपा अपना प्रत्याशी उतारेगी या नहीं।राजस्थान विधानसभा में कुल सीटें 199 हैं। कांग्रेस के 100 विधायक हैं। इसके अलावा छह बसपा, दो बीटीपी, दो सीपीएम, एक आरएलडी और 12 निर्दलीय विधायकाें का समर्थन है।
ऐसे में कांग्रेस संख्या बल के लिहाज से 123 के आंकड़े को पार कर रही है। वहीं, भाजपा के पास केवल 72 विधायक हैं। आरएलपी के दो विधायकों का समर्थन भाजपा को मिल सकता है। एक निर्दलीय किसे समर्थन देगा, इसका अंदाजा नहीं है।
दो विधानसभा सीटें खाली चल रही हैं, इन पर उपचुनाव होने हैं।प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटें हैं। 9 सीटें भाजपा के पास हैं। मदन लाल सैनी के निधन के बाद सीट खाली हो गई थी। अब उनकी जगह जो भी नया प्रत्याशी इस सीट से चुना जाएगा उसका कार्यकाल भी 2024 तक के लिए ही होगा।
आजादी के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब राजस्थान से कोई पूर्व पीएम राज्यसभा के लिए नामांकन करेगा। वे जीते तो भी एक नया इतिहास बनगेा। हालांकि इससे पहले भी कई दिग्गज प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं।